Manual V/S Automatic Car: जब भी हम नई कार खरीदने जाते हैं, तो माइलेज एक महत्वपूर्ण फैक्टर होता है। इसके अलावा, सेफ्टी फीचर्स, मेंटेनेंस कॉस्ट और ड्राइविंग कंफर्ट भी कार के चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं। अक्सर लोग यह जानना चाहते हैं कि ऑटोमेटिक और मैनुअल गियरबॉक्स वाली कारों में से कौन-सी ज्यादा माइलेज देती है। इस सवाल का जवाब कई तकनीकी पहलुओं पर निर्भर करता है, जैसे इंजन, गियरबॉक्स, और ड्राइविंग स्टाइल। आइए विस्तार से समझते हैं कि दोनों में से कौन-सी कार ज्यादा ईंधन कुशल होती है... 

1) मैनुअल कार (Manual Transmission)
मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कार में ड्राइवर को खुद गियर बदलने की जरूरत होती है। इसमें कुछ विशेषताएं होती हैं, जो इसे बेहतर माइलेज के लिए उपयुक्त बनाती हैं। 

  • बेहतर नियंत्रण: मैनुअल कारों में ड्राइवर को इंजन की स्पीड और गियर शिफ्टिंग पर पूरा नियंत्रण होता है, जिससे फ्यूल एफिशिएंसी को अधिकतम किया जा सकता है।
  • कम मेंटेनेंस लागत: मैनुअल गियरबॉक्स में कम तकनीकी उपकरण होते हैं, जिससे इनका रखरखाव किफायती होता है।
  • उच्च माइलेज: ड्राइवर की कुशलता के अनुसार मैनुअल कार अधिक माइलेज दे सकती है, क्योंकि इसमें गियर बदलने का तरीका फ्यूल खपत को प्रभावित करता है।

2) ऑटोमेटिक कार (Automatic Transmission)
ऑटोमेटिक कारों में गियर बदलने की जिम्मेदारी गियरबॉक्स की होती है, जिससे ड्राइविंग अधिक आरामदायक हो जाती है। आधुनिक ऑटोमेटिक गाड़ियों में मिलने वाली तकनीक माइलेज को प्रभावित कर सकती है। 

  • स्मूद गियर शिफ्टिंग: ऑटोमेटिक गियरबॉक्स कार की स्पीड और इंजन के लोड के आधार पर गियर बदलता है, जिससे फ्यूल की बचत होती है।
  • नए ट्रांसमिशन सिस्टम: आधुनिक गाड़ियां CVT (Continuously Variable Transmission) जैसी तकनीक से लैस होती हैं, जो इंजन को सबसे प्रभावी गियर में रखकर माइलेज को बढ़ाती हैं।
  • कम ड्राइवर त्रुटियां: मैनुअल कारों में गलत गियर शिफ्टिंग से माइलेज प्रभावित हो सकता है, जबकि ऑटोमेटिक कारें इस गलती को कम कर देती हैं।

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कौन-सी कार ज्यादा माइलेज देती है? 

  •  मैनुअल कारें: अधिकतर मामलों में मैनुअल ट्रांसमिशन वाली गाड़ियां बेहतर माइलेज देती हैं। हालांकि, यह पूरी तरह से ड्राइवर पर निर्भर करता है कि वह कितनी कुशलता से गियर बदलता है और कार चलाता है।
  •  ऑटोमेटिक कारें: आधुनिक तकनीक के चलते, अब ऑटोमेटिक गाड़ियों का माइलेज भी मैनुअल कारों के बराबर या उससे बेहतर हो सकता है। खासकर CVT या ड्यूल-क्लच ट्रांसमिशन (DCT) जैसी तकनीकें फ्यूल एफिशिएंसी को बढ़ाती हैं। 
  • माइलेज पूरी तरह से कार की तकनीक और ड्राइवर के चलाने के तरीके पर निर्भर करता है। यदि ड्राइवर उचित गियर शिफ्टिंग और इको-ड्राइविंग तकनीकों का पालन करता है, तो मैनुअल कारें बेहतर माइलेज दे सकती हैं। 

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दूसरी ओर, आधुनिक ऑटोमेटिक कारें भी उन्नत ट्रांसमिशन के कारण अच्छा माइलेज प्रदान कर सकती हैं। इसलिए, कार चुनते समय माइलेज के साथ-साथ आपकी ड्राइविंग सुविधा और आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखना चाहिए।

(मंजू कुमारी)