Types of Engines: अगर आप कारों में दिलचस्पी रखते हैं, तो आपने Inline (इनलाइन), V (वी), W (डब्ल्यू), Boxer (बॉक्सर) और Rotary (रोटरी) इंजन के बारे में जरूर सुना होगा। ये सभी इंजन अलग-अलग डिजाइन और परफॉर्मेंस के लिए बनाए जाते हैं। आइए, जानते हैं कि ये इंजन कैसे काम करते हैं और किस तरह की गाड़ियों में इनका उपयोग होता है...
1) इनलाइन इंजन
इनलाइन इंजन, जिसे 'स्ट्रेट इंजन' भी कहा जाता है, सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला इंजन लेआउट है। इसमें सभी सिलेंडर एक सीधी रेखा में होते हैं, जिससे इसका डिजाइन सरल, कॉम्पैक्ट और किफायती हो जाता है। यह छोटे और मिड-साइज़ कारों के लिए बेहतरीन विकल्प होता है। इनलाइन इंजन आमतौर पर तीन से छह सिलेंडर तक के हो सकते हैं और इन्हें ट्रांसवर्स (साइड) पोजीशन में फिट किया जाता है ताकि कार के अंदर अधिक स्पेस मिल सके।
उदाहरण: मारुति वैगनआर, स्विफ्ट,हुंडई क्रेटा और किया सेल्टॉस।
2) V इंजन
वी इंजन का नाम इसकी बनावट से आया है, जिसमें सिलेंडर दो अलग-अलग पंक्तियों में 'V' आकार में सेट किए जाते हैं। यह डिजाइन हाई-रेव स्पीड और अधिक सिलेंडर वाली गाड़ियों के लिए ज्यादा कॉम्पैक्ट होता है। यह इंजन आमतौर पर हाई-परफॉर्मेंस और लग्जरी गाड़ियों में देखने को मिलता है, जहां अधिक पावर और स्मूद ड्राइविंग की जरूरत होती है।
उदाहरण: होंडा एकॉर्ड (पुराने मॉडल), हुंडई सोनाटा, स्कोडा सुपर्ब, और कुछ सुपर लग्जरी तथा स्पोर्ट्स कारें।
3) बॉक्सर (फ्लैट) इंजन
बॉक्सर इंजन, जिसे 'फ्लैट इंजन' भी कहा जाता है, बाकी इंजनों से थोड़ा अलग होता है। इसमें सिलेंडर समतल (फ्लैट) तरीके से दो विपरीत पंक्तियों में लगाए जाते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह कार का सेंटर ऑफ ग्रैविटी (गुरुत्वाकर्षण केंद्र) नीचे रखता है, जिससे गाड़ी की स्टेबिलिटी और हैंडलिंग बेहतर होती है।
उदाहरण: सुबारू WRX और पोर्शे 911
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4) W इंजन
डब्ल्यू इंजन असल में वी इंजन का एक मॉडिफाइड वर्जन है। इसमें दो वी-इंजन को आपस में जोड़कर एक कॉम्पैक्ट लेकिन पावरफुल डिजाइन तैयार किया जाता है। यह इंजन बेहद दुर्लभ होता है और सिर्फ सुपर-परफॉर्मेंस व लग्जरी गाड़ियों में देखने को मिलता है।
उदाहरण: बुगाटी वेरॉन, बुगाटी चिरोन और बेंटले कॉन्टिनेंटल जीटी।
5) रोटरी इंजन
रोटरी इंजन बाकी इंजनों से पूरी तरह अलग होता है, क्योंकि इसमें पिस्टन का इस्तेमाल नहीं किया जाता। इसकी जगह, इसमें एक त्रिकोणीय (ट्राइएंगल शेप) रोटर होता है, जो एक अंडाकार चेंबर में घूमता है। यह डिजाइन पारंपरिक इंजनों की तुलना में छोटा, हल्का और हाई पावर-टू-वेट रेशियो वाला होता है। हालांकि, इसकी सबसे बड़ी कमी यह थी कि यह बहुत ज्यादा फ्यूल और ऑयल की खपत करता था, जिससे इसका रखरखाव महंगा हो जाता था।
उदाहरण: माजदा RX7 और RX8
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हर इंजन का अपना अलग महत्व और उपयोग होता है। इनलाइन इंजन छोटे और किफायती वाहनों के लिए आदर्श है, जबकि वी और डब्ल्यू इंजन हाई-परफॉर्मेंस गाड़ियों में उपयोग किए जाते हैं। बॉक्सर इंजन बेहतर बैलेंस और स्टेबिलिटी प्रदान करता है, वहीं रोटरी इंजन हल्का और शक्तिशाली होते हुए भी रखरखाव की चुनौतियां पेश करता है। अपनी जरूरत और पसंद के अनुसार सही इंजन वाला वाहन चुनना बेहद जरूरी है।
(मंजू कुमारी)