Business Leadership Development Program: दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (DICCI) मध्यप्रदेश चैप्टर की ओर से प्रदेश के 313 ब्लॉक कॉर्डिनेटर्स का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार से भोपाल में शुरू हुआ। तीन दिवसीय बिजनेस लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम के पहले दिन 45 उद्यमियों को एग्री अलाइड व रिटेल इंडस्ट्री के विस्तार की जानकारी दी गई। डिक्की मध्यप्रदेश चैप्टर के प्रेसिडेंट डॉ.अनिल सिरवैयां ने प्रदेश में उद्यमिता विकास और स्व-रोजगार की गतिविधियों को ब्लॉक लेवर पर क्रियान्वित कर रोजगार के अवसर सृजित के बारे बताया।
प्रशिक्षण में शामिल उद्यमियों और युवाओं को ब्लॉक में ही व्यापार-व्यवसाय और उद्यमिता के अवसर, सफल बिजनेस फ्रेंचाइजी मॉडल, लघु और मध्यम उद्योगों के क्लस्टर निर्माण, एमएसएमई इकाईयों की स्थापना, महत्वपूर्ण योजनाओं के लाभ लेने की प्रक्रिया, आसान और सब्सिडाइज्ड बैंक ऋण से अधिक से अधिक युवाओं को फायदे पहुंचाने के टिप्स दिए गए। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के चीफ मैनेजर रमा शंकर ने व्यापार के शुरुआत व विस्तार के लिए बैंक की भूमिका व योजनाओं पर जानकारी दी। उन्होंने लोन लेने की प्रक्रिया और बैंकिंग हिस्ट्री मजबूत बनाये रखने के टिप्स दिए।
सफलता की कहानियां: करोड़ों के मिले लोन और उम्मीदों को पंख
बिज़नेस लीडरशिप प्रोग्राम में छिंदवाड़ा से शामिल होने आए नरेश पीपले ने बताया कि उनका ग्रीन लाइट एएसी ब्लॉक निर्माण का कारखाना है। डिक्की की मदद से उन्हें व्यापार विस्तार के लिए पांच करोड़ का लोन प्राप्त कर अपने व्यापार को ऊंचाईयां दी है। आज वे अपने जिले में 35 से 40 लोगों को रोजगार दे रहे हैं।
आईवा मशरूम माउंड की संस्थापक अनिता बेक ने बताया कि मशरूम की कृषि व व्यापार के लिए उनके प्रोजेक्ट विभाग स्तर पर रिजेक्ट हो जाते थे। डिक्की के सहयोग से कागज़ी समस्याओं का समाधान तो मिला ही साथ में व्यापार के लिए ढाई करोड़ रुपये का लोन भी प्राप्त हो गया। बैरसिया ब्लॉक से आये अर्जुन मेहर ने बताया कि वे गारमेंट की छोटी सी दुकान चलाते थे। डिक्की की मदद से वे गारमेंट फैक्ट्री के लिए ऋण प्राप्त कर चुके हैं व उत्पादन शीघ्र शुरू होने वाला है।
ब्लॉक में हर महीने 10 से अधिक उद्यमी तैयार करना लक्ष्य
डॉ. सिरवैयां ने बताया कि डिक्की का लक्ष्य प्रत्येक विकासखंड में प्रत्येक माह में 10 से अधिक उद्यमी तैयार करना है। साथ ही प्रत्येक विकासखंड में एक एमएसएमई कलस्टर का निर्माण करना है। उन्होंने बताया कि औद्योगिकीकरण से वंचित और पिछड़े जिलों सहित प्रत्येक जिले में विनिर्माण, सर्विस सेक्टर के स्टार्टअप और नए उद्यम तथा ट्रेडिंग कारोबार के लिए डिक्की ने विशेष प्लान तैयार किया है। अगले दो साल में इसे शत-प्रतिशत क्रियान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है।
7 बैच में होगा 313 ब्लॉक कॉर्डिनेटर्स का प्रशिक्षण
इसमें मध्यप्रदेश के सभी विकासखंडों में मौजूद डिक्की के 313 ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर्स शामिल होंगे। प्रशिक्षण के लिए 45-45 को-ऑर्डिनेटर्स के 7 बैच बनाए गए हैं। बता दें कि डिक्की प्रदेश में बीते 6 वर्षों से एससी-एसटी वर्ग में उद्यमिता विकास और स्व-रोजगार के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। संस्था की हैंडहोल्डिंग से राज्य में हजारों एससी-एसटी युवा अपना व्यापार-व्यवसाय स्थापित कर नौकरी मांगने की बजाए नौकरी देने वाले बने हैं। बता दें कि दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री शुरुआत 17 साल पहले पद्मश्री डॉ. मिलिंद कांबले ने की थी। इसका उद्देश्य अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के युवाओं और उद्यमियों के बीच उद्यमशीलता की भावना विकसित करना है।