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ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) के मुताबिक, रिटेलर/ज्वैलर से हॉलमार्क वाला सोना खरीदते वक्त ऑरिजनल बिल लेना जरूरी है। यही बिल आगे विवाद की स्थिति में रिफरेंस के तौर पर मददगार होगा।

Gold Bill Information: सोना यानी गोल्ड को गॉड्स मनी कहा जाता है। दुनियाभर के निवेशक इसमें पैसा लगाना सबसे सुरक्षित समझते हैं। भारत में भी सोने के प्रति दीवानगी सिर चढ़कर बोल रही है। सरकार गोल्ड बॉन्ड स्कीम जारी कर निवेश के लिए आकर्षक ऑफर दे रही है, लेकिन ज्यादातर लोग फिजिकल गोल्ड जैसे- सोने के सिक्के, गोल्ड ज्वैलरी और गोल्ड बार खरीदना पसंद करते हैं। इस स्थिति में वह ज्वैलर/रिटेलर से मिलने वाले बिल में लिखी बातों पर ध्यान नहीं देते हैं। इससे कई बार धोखाधड़ी होने की आशंका बनी रहती है।

सोने के बिल में कौन सी जानकारी जरूरी?
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) के मुताबिक, रिटेलर/ज्वैलर से हॉलमार्क वाला सोना खरीदते वक्त ऑरिजनल बिल लेना आवश्यक है। यही बिल भविष्य में किसी भी विवाद की स्थिति में रिफरेंस के तौर पर मददगार साबित होगा। BIS के मानकों के अनुसार, गोल्ड के बिल पर खरीदे गए हर आर्टिकल की डिटेल, इसका वजन, शुद्धता के लिए कैरेट डिटेल और हॉलमार्क चार्ज लिखा होना जरूरी है। 

उदाहरण से समझें कैसा होना चाहिए बिल? 
- अगर आप 22 कैरेट गोल्ड रिंग खरीदते हैं तो उसके बिल में नीचे लिखी बातें जरूरी हैं।

आइटम का नाम और विवरण: गोल्ड रिंग
शुद्धता: 22 कैरेट
साइज: 1
वजन: 10 ग्राम
हॉलमार्किंग चार्ज: ......
जैम या डायमंड की वैल्यू (अगर है तो): 
स्टोन का वजन और कीमत संबंधी नोट: 
खरीदार द्वारा भुगतान की गई रकम: 
खरीदारी के दिन गोल्ड प्राइज और अन्य चार्ज: 

सोने की शुद्धता पता करने के लिए क्या करें? 
अगर आपको खरीदे गए गोल्ड या आभूषण की शुद्धता को लेकर शंका है तो हाथ पर हाथ धरकर न बैठें। तुरंत किसी भी मान्यता प्राप्त BIS हॉलमार्किंग (A&H) सेंटर पर जाएं और नार्मल फीस देकर गोल्ड की शुद्धता की जांच कराएं। बीआईएस अप्रूव्ड वैल्यूएशन और होलमार्किंग सेंटरों की लिस्ट BIS की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

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