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Infosys layoffs: इंफोसिस ने 300 से ज्यादा कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है। ये सभी फ्रेशर्स कर्मचारी थे, जो कंपनी के मैसूर कैंपस में ट्रेनिंग ले रहे थे।

Infosys layoffs: दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस ने 300 से ज्यादा कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है। ये सभी फ्रेशर्स कर्मचारी थे, जो कंपनी के मैसूर कैंपस में ट्रेनिंग ले रहे थे। लेकिन इंटरनल असेसमेंट को तीन बार फेल करने के बाद कंपनी ने उन्हें लिस्ट से बाहर कर दिया।

क्या है पूरा मामला?
Infosys अपने नए कर्मचारियों को कंपनी के वर्क कल्चर और टेक्निकल स्किल्स के लिए ट्रेनिंग देती है। इस ट्रेनिंग के दौरान इंटरनल असेसमेंट लिए जाते हैं, जिनमें पास होना जरूरी होता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन फ्रेशर्स ने यह एग्जाम क्लियर नहीं किया, उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया।

NITES ने 300 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी का किया दावा
आईटी कर्मचारी यूनियन Nascent Information Technology Employees Senate (NITES) का कहना है कि निकाले गए फ्रेशर्स की संख्या 300 से कहीं ज्यादा हो सकती है। हालांकि, PTI रिपोर्ट के अनुसार यह संख्या 300 के आसपास ही है।

आईटी सेक्टर में जॉब सिक्योरिटी की चिंता
Infosys के इस फैसले से आईटी सेक्टर में जॉब सिक्योरिटी को लेकर फिर से बहस छिड़ गई है। पहले भी कई बड़ी आईटी कंपनियां परफॉर्मेंस बेस्ड छंटनी कर चुकी हैं। खासकर, फ्रेशर्स के लिए नौकरी पाना और बनाए रखना अब और मुश्किल होता जा रहा है।

इंफोसिस ने क्या कहा?
Infosys ने 300+ फ्रेशर्स की छंटनी पर आधिकारिक बयान जारी किया है। बेंगलुरु स्थित आईटी कंपनी ने कहा कि सभी फ्रेशर्स को इंटरनल असेसमेंट क्लियर करना जरूरी था, जो उनके कॉन्ट्रैक्ट में पहले से ही लिखा हुआ था।

कंपनी ने अपने बयान में कहा, "हम Infosys में एक सख्त हायरिंग प्रोसेस फॉलो करते हैं, जहां सभी फ्रेशर्स को मैसूर कैंपस में एक्सटेंसिव ट्रेनिंग दी जाती है। तीन बार असफल रहने पर वे कंपनी में बने नहीं रह सकते। यह नियम पिछले दो दशकों से लागू है और हमारे क्लाइंट्स के लिए उच्च गुणवत्ता वाले टैलेंट को सुनिश्चित करता है।"

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