SN Subrahmanyan: एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन अपनी एक सलाह की वजह से सुर्खियों में हैं। सुबह्मण्यन ने हाल ही में अपने स्टाफ को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को हफ्ते में 90 घंटे काम करना चाहिए। एलएंडटी के चेयरमैन ने कहा कि मुझे अफसोस है कि मैं रविवार को भी अपने स्टाफ से काम नहीं करवा सकता। इसका वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में सुबह्मण्यन कह रहे हैं कि घर पर रहकर पत्नी को कितनी देर घूरोगे? इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी कड़ी आलोचना शुरू हो गई। लोग इसे मानसिक स्वास्थ्य और वर्क-लाइफ बैलेंस के खिलाफ बता रहे हैं।
सोशल मीडिया पर मचा हंगामा
सुब्रह्मण्यन के बयान को लेकर ट्विटर और रेडिट जैसे प्लेटफॉर्म पर लोगों ने नाराजगी जाहिर की। आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने मजाकिया अंदाज में लिखा कि 'रविवार को 'सन-ड्यूटी' का नाम दे देना चाहिए।' बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने अपनी इंस्टा स्टोरी में लिखा, 'यह देखकर हैरानी हुई कि इतने ऊंचे पद पर बैठे लोग भी ऐसा बयान देते हैं।'
What do you do sitting at home? How long can you stare at your wife? How long can the wives stare at their husbands? Get to the office and start working. - #SNSubrahmanyan
— Tushar ॐ♫₹ (@Tushar_KN) January 9, 2025
Mister Chairman of L&T thinks that married people spend their weekends staring at each other 🤣🤦♂️ pic.twitter.com/6FzbWDVc4f
चीनी वर्क कल्चर का दिया था उदाहरण
सुब्रह्मण्यन ने अपनी टिप्पणी में चीन के वर्क कल्चर का उदाहरण दिया था। सुबह्मयण्न ने कहा था कि चीनी कर्मचारी 90 घंटे काम करते हैं, जबकि अमेरिकी केवल 50 घंटे। एलएंडटी चेयरमैन ने कहा कि अगर भारत को दुनिया में सबसे ऊपर पहुंचना है तो हमें भी ऐसा ही करना होगा। इस बयान के बाद जहां एक ओर आईटी कंपनियों के कर्मचारियों ने नाराजगी जताई। वहीं, एक्सपर्ट्स ने कहा कि ऐसा करने पर कर्मचारिययों की सेहत पर बुरा असर पड़ेगा।
L&T ने अब दी सफाई
बढ़ते विवाद को देखते हुए एलएंडटी ने बयान जारी कर सफाई दी। कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि चेयरमैन की टिप्पणी को गलत तरीके से समझा गया है। कंपनी ने कहा कि असाधारण परिणामों के लिए असाधारण प्रयास जरूरी होते हैं। पिछले आठ दशकों से कंपनी भारत के विकास में योगदान दे रही है। हम एक ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देते हैं, जहां जुनून और प्रदर्शन पर ध्यान दिया जाता है।
वर्क-लाइफ बैलेंस पर छिड़ी बहस
बता दें कि बीते कुछ दिनों से भारत में वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर बहस छिड़ी हुई है। पिछले साल इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति के 70 घंटे वर्क वीक वाले बयान पर भी यही हुआ था। विशेषज्ञों का मानना है कि काम के ज्यादा दबाव से मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि किसी भी कंपनी को अपने कर्मचारियों का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्राथमिकता देनी चाहिए। सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा, 'क्या कंपनियों को यह नहीं समझना चाहिए कि काम और लाइफ के बीच बैलेंस बनाए रखना जरूरी है?' इस विवाद ने भारतीय कंपनियों के वर्क कल्चर पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।