RE-INVEST 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गुजरात के गांधीनगर में चौथी ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट (RE-INVEST 2024) का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में दुनिया भर के निवेशकों ने हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी में भारत दुनिया के लिए सबसे बड़ी संभावना है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को बढ़ावा देना और देश को ऊर्जा स्वतंत्र बनाना है।

भारत का 2030 तक 500 GW रिन्यूएबल एनर्जी का लक्ष्य
इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य 'मिशन 500 GW' है, जिसका लक्ष्य 2030 तक भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तक ले जाना है। मौजूदा समय में भारत दुनिया में चौथा सबसे बड़ा देश है, जिसने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में इतनी बड़ी क्षमता स्थापित की है। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा, "यह सिर्फ एक लक्ष्य नहीं, बल्कि हमारी पीढ़ी के लिए प्रतिबद्धता है। हम भविष्य की पीढ़ियों के लिए काम कर रहे हैं।"

RE-INVEST 2024

महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित है भारत का नेट जीरो लक्ष्य
पीएम मोदी ने महात्मा गांधी के विचारों का जिक्र करते हुए कहा कि उनका जीवन न्यूनतम कार्बन फुटप्रिंट पर आधारित था। पीएम मोदी ने कहा, "महात्मा गांधी का कहना था कि संसाधन हमारी जरूरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त हैं, लेकिन लालच के लिए नहीं। इसी सोच से हमारा 'नेट जीरो' लक्ष्य प्रेरित है। यह कोई दिखावटी शब्द नहीं, बल्कि हमारी जरूरत और प्रतिबद्धता है।"

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गुजरात की ऊर्जा नीतियों की तारीफ
पीएम मोदी ने गुजरात सरकार की नवीकरणीय ऊर्जा नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि गुजरात ने देश में सबसे पहले सोलर पावर नीति लागू की थी। जब दुनिया सौर ऊर्जा पर सिर्फ बात कर रही थी, गुजरात में सोलर पावर प्लांट लगने शुरू हो गए थे। उन्होंने कहा कि गुजरात ने जलवायु परिवर्तन को लेकर भी पहले ही विभाग स्थापित कर दिया था।

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सम्मेलन में उद्योग जगत की भागीदारी
इस  सम्मेलन में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर से जुड़े कई बड़े उद्योगपति पहुंची। इस सम्मेलन के  मौजूद संस्करण के उद्योग साझेदार 'कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री' (CII) हैं। सम्मेलन में 44 सत्र आयोजित किए गए, जिनमें प्रमुख सत्र 'सीईओ राउंडटेबल' और 'मुख्यमंत्री स्तरीय सत्र' शामिल हैं। विशेष सत्रों में महिलाओं की ऊर्जा क्षेत्र में भूमिका पर भी चर्चा की गई।

अंतरराष्ट्रीय साझेदारों की भागीदारी
RE-INVEST 2024 में ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, जर्मनी और नॉर्वे जैसे अंतरराष्ट्रीय साझेदारों ने भाग लिया। इसके साथ ही, भारत के प्रमुख राज्य जैसे आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश भी इस सम्मेलन का हिस्सा बने। इस दौरान स्टार्ट-अप्स को भी मंच मिला, जहां 'सोलर एक्स चैलेंज' के विजेताओं ने अपनी परियोजनाओं को पेश किया।

सोलर यूनिट स्कीम के लाभार्थियों से की बातचीत
पीएम मोदी ने 'पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना' के लाभार्थियों से मुलाकात भी की। यह योजना 29 फरवरी को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य सोलर रूफटॉप क्षमता को बढ़ाना और घरों को अपनी बिजली उत्पादन में सक्षम बनाना है। इस योजना के तहत 2 किलोवाट तक की क्षमता वाली सोलर सिस्टम पर 60% सब्सिडी और 2 से 3 किलोवाट क्षमता वाली सोलर सिस्टम पर 40% सब्सिडी दी जा रही है।