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Reliance Q4 results 2024: रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) का तिमाही आधार पर शुद्ध मुनाफा (नेट प्रॉफिट) 9.8 प्रतिशत अधिक रहा। जबकि, राजस्व में 5.1 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई।

Reliance Q4 results 2024: मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने सोमवार रात चौथी तिमाही का रिजल्ट (Q4 Results) जारी किया। कंपनी की वित्तीय प्रगति रिपोर्ट दर्शाती है कि वित्त वर्ष 2023-24 की मार्च तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा (नेट प्रॉफिट) 1.8 फीसदी कम रहा है। यह गिरावट पिछले साल के करोपरांत खर्चों के बढ़ने के कारण हुई। इस अवधि में आरआईएल का नेट प्रॉफिट 18,951 करोड़ रुपए रहा। वहीं, पिछले साल की तुलना में कंपनी का रेवेन्यू 11.1 फीसदी बढ़कर 2.36 लाख करोड़ पर पहुंच गया।

शेयरधारकों को 10 रुपए डिविडेंड बांटेगी RIL
कंपनी का करोपरांत मुनाफा (PAT) 21,243 करोड़ रुपए रहा, जो लगभग पिछले साल के बराबर ही है। तिमाही आधार पर आरआईएल का शुद्ध मुनाफा 9.8 फीसदी ज्यादा रहा, जबकि राजस्व में 5.1 प्रतिशत की तेजी आई है। कंपनी ने बोर्ड मीटिंग में शेयरधारकों को 10 रुपए प्रति शेयर का लाभांश (डिविडेंड) बांटने की सिफारिश की। वित्त वर्ष 2023-24 में आरआईएल का करोपरांत मुनाफा सालाना आधार पर 7 फीसदी बढ़कर 79,020 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया, लेकिन यह प्रदर्शन बाजार की उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा है।

RIL के रिजल्ट को लेकर मुकेश अंबानी ने जताई खुशी
ब्लूमबर्ग के एक सर्वे में 14 विश्लेषकों ने कंपनी का राजस्व 2.36 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान जताया है। इनमें 8 विश्लेषकों ने कंपनी की शुद्ध आय 19,726 करोड़ रुपए रहने की उम्मीद लगाई है। आरआईएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (एमडी) मुकेश अंबानी ने कहा- आरआईएल ने अलग-अलग बिजनेस सेक्टर में भारतीय अर्थव्यवस्था में अहम योगदान दिया। यह जानकारी देते हुए खुशी हो रही है कि रिलायंस 1 लाख करोड़ रुपए कर पूर्व मुनाफा हासिल करने वाली देश की पहली कंपनी बन गई है।

जियो प्लेटफॉर्म्स की इनकम 13.4 फीसदी बढ़ गई
मार्च तिमाही के दौरान रिलायंस के रिटेल बिजनेस के लिए परिचालन आय 9.8 फीसदी बढ़कर 67,610 करोड़ रुपए हो गई। इस दौरान जियो प्लेटफॉर्म्स की इनकम 13.4 फीसदी बढ़कर 28,871 करोड़ रुपए दर्ज की गई। कंपनी ने बताया कि तिमाही के दौरान उसका एबिटा (EBITDA) 14.3 फीसदी बढ़कर 47,150 करोड़ रुपए हो गया है। इसमें मुख्य रूप से सभी कारोबारों का दमदार योगदान रहा। ओ2सी कारोबार के एबिटा में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 16,777 करोड़ रुपए हो गया। कंपनी को लाभकारी फीडस्टॉक सोर्सिंग, ईथेन क्रैकिंग और घरेलू उत्पादों की दमदार बिक्री से मजबूती मिली है।

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