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SEBI Bars Mallya: भगौड़े कारोबारी विजय माल्या पर बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपए के बैंक लोन डिफॉल्ट का आरोप है। उसे 2019 में स्पेशल कोर्ट ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था।

SEBI Bars Mallya: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शुक्रवार को भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। मार्केट रेगुलेटर ने माल्या को भारतीय शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने और किसी लिस्टेड कंपनी के साथ जुड़ने से 3 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। इसी महीने 1 जुलाई को मुंबई के सीबीआई कोर्ट ने इंडियन ओवरसीज बैंक से जुड़े 180 करोड़ के लोन डिफॉल्ट केस में माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। माल्या और उसका बेटा 2016 से लंदन में रह रहा है। 

'विजय माल्या की सभी मौजूदा होल्डिंग्स फ्रीज रहेंगी'
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, SEBI ने बताया कि विजय माल्या की "मौजूदा होल्डिंग्स, जिनमें म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स शामिल हैं, फ्रीज रहेंगी।" 68 वर्षीय माल्या के पास किंगफिशर बीयर निर्माता यूनाइटेड ब्रेवरीज में 8.1% की हिस्सेदारी है और वह कंपनी का चेयरमैन है। उसके पास स्मिरनॉफ वोडका निर्माता यूनाइटेड स्पिरिट्स में भी 0.01% की हिस्सेदारी है।

बता दें कि विजय माल्या पर किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े ₹9,000 करोड़ के बैंक लोन डिफॉल्ट का आरोप है। उसे 2019 में स्पेशल कोर्ट ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था। इससे पहले मार्च 2016 में वह भारत छोड़कर यूनाइटेड किंगडम भाग गया था।

इंडियन ओवरसीज बैंक का 180 करोड़ लोन नहीं चुकाया

  • न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इसी महीने 1 जुलाई को मुंबई के सीबीआई कोर्ट ने इंडियन ओवरसीज बैंक से जुड़े 180 करोड़ के लोन डिफॉल्ट केस में माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि माल्या ने जानबूझकर भुगतान में डिफॉल्ट करके सरकारी बैंक को 180 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान पहुंचाया।
  • यह वारंट सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए एक धोखाधड़ी मामले से जुड़ा है। जिसमें आरोप है कि 2007 से 2012 के बीच आईओबी से ली गई लोन रकम का गलत तरीके से उपयोग किया गया था। मामले में सीबीआई द्वारा हाल ही में दायर चार्जशीट के अनुसार, बैंक ने एक समझौते के तहत निजी विमानन कंपनी को ये क्रेडिट सुविधाएं दी थीं।

माल्या के प्रत्यर्पण पर क्या बोले थे विदेश मंत्री जयशंकर?

  • मई में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि भारत ने देश से भागे भगोड़े आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण से जुड़े मामले मजबूती से पेश किए हैं। उन्होंने कहा था, "यह एक सवाल है जो हमें ज्यादातर यूके से पूछना चाहिए, क्योंकि वहीं हाई प्रोफाइल अपराधी गए हैं और हमने अपना मामला मजबूती से पेश किया है। जैसा कि आप देख सकते हैं, कई दौर की कानूनी कार्यवाही हमारे पक्ष में गई है।" उन्होंने कहा था कि यूके को इस मामले में "जिम्मेदार दृष्टिकोण" अपनाना चाहिए।
  • जयशंकर से पूछा गया था कि प्रत्यर्पण प्रक्रिया इतनी जटिल क्यों है और इसके बाद भारतीय न्यायिक प्रक्रिया से गुजरना क्यों जरूरी है। उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है कि यह वहां के अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे इसे जिम्मेदार दृष्टिकोण से देखें। इसके लिए उनके पास एक प्रतिष्ठात्मक पहलू है। मेरा मतलब है, वे टैक्स चोरों और डिफॉल्टर्स के लिए एक सुरक्षित स्थान के रूप में देखे जाएंगे।"
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