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Yes Bank Lays Off: यस बैंक ने एक मल्टीनेशनल एडवाइजरी के आधार पर इंटरनल री-स्ट्रक्चरिंग प्रैक्टिस शुरू की है। 500 कर्मचारियों को निकालने के बाद अगले कुछ हफ्तों में और अधिक छंटनी की जा सकती है।

Yes Bank Lays Off: भारत में प्राइवेट सेक्टर के बड़े बैंक ने कर्मचारियों की संख्या में कटौती की है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यस बैंक ने कथित तौर पर री-स्ट्रक्चरिंग और लागत में कटौती के लिए कम से कम 500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया, जल्द ही और ज्यादा स्टॉफ की छंटनी की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया कि नौकरी जाने पर कर्मचारियों को तीन महीने की सैलरी के बराबर फाइनल भुगतान किया गया है।

कई सालों में पहली बार प्राइवेट बैंक में छंटनी
अंग्रेजी अखबार ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्मचारियों की इस छंटनी ने थोक, खुदरा और विशेष रूप से ब्रांच बैंकिंग सेक्टर समेत कई क्षेत्रों पर असर डाला है। बैंक का यह फैसला अहम माना जा रहा है, क्योंकि कई सालों में पहली बार किसी प्राइवेट बैंक से कर्मचारियों को निकाला गया है। दूसरी ओर, यस बैंक ने अपने वर्किंग स्टॉफ को अनुकूलित करके ऑपरेशनल परफॉर्मेंस बढ़ाने के प्रयासों की पुष्टि की।
 
बैंक का डिजिटल बैंकिंग बढ़ाने पर फोकस: सूत्र  

  • एक सूत्र ने ईटी को बताया कि यस बैंक ने एक मल्टीनेशनल एडवाइजरी के आधार पर एक इंटरनल री-स्ट्रक्चरिंग प्रैक्टिस शुरू की है। अब तक करीब 500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया और आने वाले हफ्तों में और अधिक छंटनी की जा सकती है। 
  • बैंक सूत्रों ने भी संकेत दिया है कि उनका टारगेट डिजिटल बैंकिंग पर फोकस बढ़ाना और मैन्युअल ऑपरेशन को कम करके लागत घटना है। इस री-स्ट्रक्चरिंग प्रैक्टिस से बैंक को अपनी ऑपरेशनल कास्ट घटाने में मदद मिलने की उम्मीद है। पिछले वित्त वर्ष में यस बैंक की ऑपरेशनल कास्ट 17% बढ़ गई थी।

2020 में भी हुई थी इसी तरह की री-स्ट्रक्चरिंग
बता दें कि यस बैंक ने साल 2020 में भी इसी तरह की री-स्ट्रक्चरिंग की थी। जब मैनेजिंग डायरेक्टर प्रशांत कुमार ने आरबीआई के सपोर्ट से बैंक को डूबने से बचाने की कोशिश की थी। उस अवधि के दौरान बड़ी संख्या में सीनियर स्टाफ मेंबर बैंक छोड़कर चले गए थे।

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