FIITJEE: पिछले कुछ दिनों में दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के विभिन्न शहरों में FIITJEE कोचिंग सेंटर की शाखाएं अचानक बंद हो गई हैं, जिससे सैकड़ों छात्रों और अभिभावकों में भारी असंतोष फैल गया है। यह संकट शिक्षकों के वेतन न मिलने और संस्थान के वित्तीय संकट के कारण उत्पन्न हुआ है, जिसने छात्रों की पढ़ाई और अभिभावकों के पैसे को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रभावित शहर और कोचिंग सेंटर
FIITJEE की ब्रांचें नोएडा, गाज़ियाबाद, मेरठ, भोपाल, और दिल्ली के साउथ दिल्ली स्थित कालू सराय समेत कई अन्य शहरों में बंद हो गई हैं। इन ब्रांचों के बंद होने के कारण छात्रों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अभिभावक अब फीस वापसी की मांग को लेकर पुलिस में शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। एक अभिभावक ने बताया कि उसने अपनी बेटी को कोचिंग के लिए चार लाख रुपये की फीस दी थी, लेकिन अब सेंटर बंद होने के बाद उसे किसी प्रकार की फीस वापसी नहीं मिली है।
शिक्षकों ने सामूहिक रूप से दिया इस्तीफा
कोचिंग सेंटरों में कई शिक्षकों ने संस्थान में वेतन की लंबी देरी को लेकर सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है। कथित तौर पर, कई महीनों से शिक्षकों को वेतन नहीं मिल रहा था, जिसके कारण उनके बीच असंतोष बढ़ गया। इस स्थिति के कारण कई कक्षाएं निलंबित करनी पड़ीं और कुछ सेंटरों को बंद भी करना पड़ा।
अभिभावकों ने दर्ज कराया FIR
अभिभावकों में FIITJEE के अचानक बंद होने से गुस्सा और निराशा फैल गई है। कई अभिभावकों ने पुलिस में FIR दर्ज करवाई है, और कुछ ने सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शन की वीडियो भी साझा की हैं। उनका कहना है कि अगर संस्थान को बंद किया गया है, तो उनकी फीस तुरंत वापस की जानी चाहिए, ताकि उनके बच्चों की पढ़ाई में किसी प्रकार का व्यवधान न हो।
संस्थान की वित्तीय स्थिति
FIITJEE के शीर्ष प्रबंधन और फ्रेंचाइजी केंद्र प्रमुखों के बीच विवादों और वित्तीय चूक के कारण संस्थान में उथल-पुथल मची हुई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, FIITJEE के देशभर में 41 शहरों में 72 केंद्र हैं और 300 से अधिक कर्मचारी हैं। संस्थान के वित्तीय संकट और अन्य प्रशासनिक मुद्दों ने इसकी शाखाओं के संचालन को प्रभावित किया है, जिससे छात्रों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ा है।