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हाल ही में चैट शो कॉफी विद करण में अजय देवगन और रोहित शेट्टी एक साथ पहुंचे जहां उन्होंने इंडस्ट्री में अपने संघर्षों के बारे में बात की। इसके अलावा नेपोटिज़्म को लेकर भी उन्होंने अपनी राय रखी।

Ajay Devgn on Koffee With Karan 8: पॉप्युलर चैट शो कॉफी विद करण (Koffe with Karan 8) के सीज़न 8 में शामिल होने वाले सिलेब्रिटीज़ का अनोखा अंदाज़ देखा जा रहा है। हाल ही में शो में ऐक्टर अजय देवगन (Ajay Devgn) अपने दोस्त व फिल्ममेकर रोहित शेट्टी (Rohit Shetty) के साथ पहुंचे जहां उन्होंने इंडस्ट्री में अपने संघर्ष के बारे में खुलकर बात की। इस दौरान उन्होंने बॉलीवुड में नेपोटिज़्म को लेकर अपनी राय भी रखी।

'सोशल मीडिया पर व्यर्थ है नेपोटिज़्म की बहस'
कॉफी विद करण में पहुंचे अजय देवगन और रोहित शेट्टी ने बताया कि फिल्म इंडस्ट्री में उनके पिताओं के होने के बावजूद भी बॉलीवुड में अपनी अलग जगह बनाने के लिए अभिनेताओं ने मेहनत और संघर्ष किया है। उन्होंने बताया कि उनके पिताओं के बारे में लोग ज़्यादा नहीं जानते लेकिन आए दिन सोशल मीडिया पर लोग नेपोटिज़्म शब्द को जिस तरह से बढ़ावा दे रहे हैं वो असल में व्यर्थ है। अजय कहते हैं कि उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में यह मुकाम हासिल करने के लिए बहुत मेहनत की है।

अजय देवगन ने नेपोटिज़्म पर कही ये बात
शो में अजय ने नेपोटिज़्म को लेकर कहा, "मैंने लोगों को बर्बाद होते देखा है।" अजय ने कहा कि उनके पिता की उम्र के समान कई लोग इंडस्ट्री में काम पाने के लिए कितनी मेहनत करते हैं। उन्होंने कहा कि लोग मुंबई आते हैं, यहां कई सालों तक अपना समय देते हैं और अगर कोई प्रोजेक्ट काम नहीं आता तो छह-छह महीनों तक दूसरे प्रोडक्शन हाउसेज़ पर जा-जाकर काम मांगते हैं।

उन्होंने आगे कहा, "यहां काम पाने के लिए 30-40 साल गुज़र जाते हैं। चाहे आप इंडस्ट्री के हों या ना हों, स्ट्रगल सबके लिए एक जैसा होता... मेहनत सभी को करना पड़ता है। हम अभी भी कड़ी मेहनत कर रहे हैं।" अजय ने आगे कहा, "मेरी दोनों ऐड़ियाँ टूट गई हैं, लोगों को वह मेहनत नज़र नहीं आती। जब रोहित शेट्टी इंडस्ट्री में असिस्टेंट के रूप में कदम रख रहे थे तब उनके पास वाकई पैसे नहीं थे।"

अजय ने अपने पिता के स्ट्रगल के बारे में बताया
आपको बता दें, अजय देवगन दिवंगत स्टंट डायरेक्टर वीरू देवगन के बेटे हैं। अजय ने बताया कि कैसे उनके पिता 13 साल की उम्र में पंजाब स्थित अपने घर से भागे थे और बिना ट्रेन की टिकट के मुंबई आए थे। उन्होंने कहा कि उनके पिता इंडस्ट्री में संघर्ष के दिनों में अक्सर भूखे रह जाते थे। इस दौरान मुंबई में उन्हें कैब की सफाई का काम मिला और वे उसी कैब में सोते थे। उनके पास रहने के लिए जगह नहीं थी। फिर वह कारपेंटर बन गए।

अजय ने आगे बताया कि काम की तलाश करते-करते उनके पिता एक गिरोह में गैंगस्टर भी बन गए थे। अजय ने आगे खुलासा किया कि एक बार सड़क पर चल रही लड़ाई के दौरान उनके पिता को ऐक्शन डायरेक्टर रवि खन्ना ने देखा था और तब उनसे कहा, "तू लड़ता बहुत अजीब है" जिसके बाद उन्होंने अजय के पिता को फिल्मों में फाइटर का काम दिया।

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