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दिग्गज वह लोकसभा सांसद अभिनेत्री हेमा मालिनी ने हाल ही में खुलासा किया है कि उनके पति धर्मेंद्र उनके पॉलिटिकल करियर के खिलाफ थे। उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते थे कि वह चुनाव लड़ें। इसके पीछे क्या थी वजह, जानिए एक्ट्रेस ने क्या कहा।

Hema Malini: हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री हेमा मालिनी फिल्मी करियर के बाद अब राजनीति में मुख्य रूप से सक्रिय हैं। उनका अब तक 10 साल का पॉलिटिकल करियर रहा है जिसमें वह सफलता की सीढ़ी पर हैं। बीजेपी की लोकसभा सदस्य हेमा मालिनी तीसरी बार मथुरा (Mathura) से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। देश में चुनावी माहौल के बीच एक्ट्रेस ने खुलासा किया है कि उनके पति व दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र नहीं चाहते थे कि वह राजनीति में शामिल हों। इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया कि वह पॉलिटिक्स में कैसे शामिल हुईं और इसके लिए उन्हें क्या करना पड़ा।

हेमा मालिनी ने किया खुलासा
हाल ही में न्यूज 18 को दिए इंटरव्यू में हेमा मालिनी ने कहा, "धरमजी को ये बिलकुल भी पसंद नहीं था। उन्होंने मुझसे चुनाव न लड़ने के लिए कहा था, क्योंकि ये बहुत कठिन टास्क है। उन्होंने कहा कि 'मैंने इसका अनुभव किया है'। इसलिए जब उन्होंने कहा कि यह कठिन काम है, तो मैंने सोचा कि मैं इसे चैलेंज के रूप में लेती हूं।"

hema Malini-Dharmendra
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राजनीति में झेलनी पड़ती हैं चुनौतियां
हेमा मालिनी ने अपने पति व पूर्व लोकसभा सांद धर्मेंद्र के बारे में बात करते हुए कहा कि उनकी पॉपुलैरिटी और नेम-फेम के चलते उन्हें अपने राजनीतिक दौर में बहुत सारी चुनौतियां झेलनी पड़ीं थीं। लोग उनसे मिलना और बातें करना चाहते थे। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें भी इसी तरह के चैलेंजेज़ का सामना करना पड़ा लेकिन एक महिला होने के नाते उन्होंने इसे अच्छे से हैंडल किया है। आपको बता दें, धर्मेंद्र साल 2004 से लेकर साल 2009 तक राजस्थान के बीकानेर से बीजेपी पार्टी से सांसद थे। हालांकि कुछ समय बाद ही उन्होंने राजनीति छोड़ दी थी।

hema Malini
 

'विनोद खन्ना से हुए प्रेरित'
हेमा ने आगे यह भी खुलास किया कि वह राजनीति में कैसे आईं। उन्होंने दिवंगत अभिनेता विनोद खन्ना को याद करते हुए बताया कि उन्होंने ही उनकी राजनीतिक यात्रा को प्रभावित किया। उन्होंने कहा, "विनोद खन्ना ने मुझे प्रेरित किया, क्योंकि वह अपने चुनावी प्रचार के लिए मुझे अपने साथ ले जाया करते थे। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया... भाषण कैसे देना है और जनता का सामना कैसे करना है। 5000-6000 लोगों के बीच भाषण देना कोई मज़ाक नहीं है। आप पहली बार में ही डर जाते हैं।"

बता दें, दिवंगत विनोद खन्ना भाजपा के सदस्य रह चुके हैं। वह गुरदासपुर सीट से 2 बार सांसद रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री के साथ-साथ विदेश राज्य मंत्री के रूप में भी पद संभाला है।

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