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Health News: बढ़ते वायु प्रदूषण और धूम्रपान की वजह से लोगों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ रहा है। इसका खुलाशा एक रिपोर्ट में हुआ।

Health News: बढ़ते वायु प्रदूषण और धूम्रपान की वजह से लोगों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है और वे असमय मौत के शिकार बन जाते हैं। लेकिन हाल ही में हुए एक शोध में पाया गया है कि बढ़ते तापमान की वजह से भी लोग ब्रेन स्ट्रोक के शिकार बन रहे हैं।

अमेरिकी वैज्ञानिकों के द्वारा किए गए शोध में पाया गया है कि धूम्रपान की तरह बढ़ते वायु प्रदूषण और बढ़ते तापमान से भी ब्रेन स्ट्रोक का खतरा हो सकता है। शोध में पहली बार वायु प्रदूषण और तापमान को ब्रेन हेमरेज के लिए समान खतरे के रूप में पाया गया। सबरावनॉइड हेमरेज तब होता है, जब दिमाग और इसे कवर करने वाले ऊतकों के बीच नसें फट जाती हैं।

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बढ़ते वायु प्रदूषण और तापमान के बारे में यह शोध यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन में किया गया। द लैंसेट न्यूरोलॉजी जर्नल में छपे शोध के अनुसार दुनिया में ब्रेन स्ट्रोक से मौतों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके लिए वायु प्रदूषण, बढ़ते तापमान, उच्च रक्तचाप और शारीरिक निष्क्रियता को जिम्मेदार माना जा रहा है।

प्रदूषण-तापमान बन रही वजह
यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन में हुए इस शोध में चेतावनी दी गई है कि बढ़ते वायु प्रदूषण और बढ़ते तापमान के कारण ब्रेन स्ट्रोक के मामले भी बढ़ने की आशंका है। शोध में कहा गया है कि ब्रेन स्ट्रोक की रोकथाम के मौजूदा उपाय पर्याप्त नहीं हैं। इस दिशा में नई रणनीति बनाने की जरूरत है।

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इन देशों में सबसे ज्यादा खतरा
पूर्वी यूरोप, एशिया और अफ्रीका में बढ़ते वायु प्रदूषण और बढ़ते तापमान के कारण ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ने का खतरा सबसे ज्यादा है। ऐसी दशा में वहां की सरकारों को वायु प्रदूषण की रोकथाम के साथ लोगों में आहार संबंधी जागरुकता के प्रयास करने चाहिए।

यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन की रिपोर्ट के अनुसार
यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में पहली बार स्ट्रोक की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या 2021 में बढ़कर 1.19 करोड़ हो गई। यह 1990 से सत्तर प्रतिशत ज्यादा है। इसी प्रकार स्ट्रोक से मौतें 73 लाख हो गई, जो 1990 से 44 प्रतिशत ज्यादा है। स्ट्रोक से प्रभावित तीन-चौथाई से ज्यादा लोग कम और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं।

रिपोर्ट: अजेष कुमार

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