UP Police Paper Leak: यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को हटा दिया गया है।
उनकी जगह अब 1981 बैच के आईपीएस राजीव कृष्ण को भर्ती बोर्ड की अतिरिक्त जिम्मेदारी मिली है। पुलिस भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को हटाकर सरकार ने प्रतीक्षा में डाल दिया है।
Uttar Pradesh Police Recruitment paper leak case | Recruitment Board Chairperson Renuka Mishra has been removed from the post and Rajeev Krishna has been given the responsibility of the Recruitment Board.
— ANI (@ANI) March 5, 2024
More than 48 lakh candidates had participated in more than 60,000…
जानिए कौन है आईपीएस रेणुका मिश्रा
आईपीएस रेणुका मिश्रा 1990 बैच की अफसर है। भर्ती बोर्ड का अध्यक्ष बनने से पहले रेणुका डीजीपी के रेस में शामिल थी। उन्हें साल 2005 में डीआईजी, 2010 में आईजी, 2014 में एडीजी और 2021 में डीजी पद पर प्रमोट किया गया था। उन्हें 26 जनवरी 2023 को DGs COMMENDATION DISC PLATINUM पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
जानिए कौन है आईपीएस राजीव कृष्ण
आईपीएस राजीव कृष्ण 1991 बैच के अधिकारी है। इस समय वह डीजी विजिलेंस के पद पर कार्य कर रहे है। योगी सरकार ने अब इनको यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड का अतिरिक्त जिम्मेदारी दे दी है। आईपीएस राजीव कृष्ण की चर्चा 2004 में आगरा में बतौर एसएसपी तैनाती को लेकर खूब होती है। आगरा एसएसपी के तौर पर उन्होंने अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया था। उन्होंने बीहड़ में सक्रिय अपहरण गिरोहों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की थी।
23 फरवरी को परीक्षा हुई थी निरस्त
उत्तर प्रदेश में 60,000 से ज्यादा कांस्टेबल भर्ती पदों के लिए 48 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने 17 और 18 फरवरी को भाग लिया था। पेपर लीक होने के बाद 23 फरवरी को परीक्षा रद्द कर दी गई थी।
यूपी एसटीएफ ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा में पेपर लीक को लेकर यूपी एसटीएफ ने दो मार्च को दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। एसटीएफ को इनके पास से प्रवेश पत्र व अन्य अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। गिरफ्तार किए गए अरोपियों में प्रयागराज का अजय सिंह और सोनू सिंह यादव शामिल हैं।
6 महीने के अंदर होगी फिर परीक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा निरस्त करते हुए कहा था कि आने वाले 6 महीनों में एग्जाम फिर आयोजित करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि युवाओं की मेहनत और परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।