Parenting Tips: उम्र बढ़ने के साथ कई बच्चे जिद्दी होते जाते हैं। बच्चों के जिद्दी होने के पीछे कई वजह हो सकती हैं। हालांकि आमतौर पर मां-बाप या फिर घर के अन्य सदस्यों के ज्यादा लाड़-प्यार की वजह से बच्चे जिद्दी हो जाते हैं। बच्चा अगर जिद्दी होने लगे तो समय रहते ही उसे कंट्रोल करना लेना जरूरी है, ऐसा न होने पर बच्चा धीरे-धीरे गुस्सैल और एग्रेसिव होने लगता है।
बहुत से पैरेंट्स इस बात से चिंता में रहते हैं कि कई कोशिशों के बाद भी उनका बच्चा दिन पर दिन जिद्दी होता जा रहा है। ऐसी सूरत में बच्चे के साथ पैरेंट्स को अपना व्यवहार बदलने की जरूरत आ पड़ती है। इस स्थिति में कुछ पैरेंटिंग टिप्स आपके काम आ सकते हैं।
5 पैरेंटिंग टिप्स आएंगे काम
शांति से करें डील: सबसे पहले, यह ज़रूरी है कि आप खुद शांत रहें। बच्चे की जिद पर चिल्लाने या गुस्सा करने से स्थिति और खराब हो सकती है। गहरी सांस लें और धैर्य रखें। बच्चा जब भी गुस्सा हो या जिद करे तो उसका जवाब गुस्से से नहीं बल्कि शांत होकर दें।
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बच्चे की बात सुनें: बच्चे को यह महसूस कराएं कि आप उसकी बात सुन रहे हैं। उसकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें और उसे अपनी बात कहने दें। छोटी-छोटी बात में बच्चे को न डांटे, वरना बच्चा ज्यादा जिद्दी हो सकता है।
विकल्प दें: बच्चे को सिर्फ "नहीं" कहने की बजाय, उसे विकल्प दें। उदाहरण के लिए, यदि वह खिलौना चाहता है, तो आप उसे यह कह सकते हैं कि "अभी हम घर जा रहे हैं, लेकिन हम बाद में खिलौने की दुकान पर जा सकते हैं।"
बच्चे को ज़िम्मेदारी दें: बच्चे को छोटी-छोटी ज़िम्मेदारियां देकर उसे सशक्त महसूस कराएं। इससे उसे अपनी पसंद बनाने और निर्णय लेने में मदद मिलेगी। कई बार बच्चे अनिर्णय की स्थिति में रहने की वजह से भी गुस्सैल होने लगते हैं। मन मुताबिक चीजे न होने पर धीरे-धीरे मायूसी गुस्से में तब्दील होने लगती है।
नियमों और परिणामों को स्पष्ट करें: बच्चों को पहले से ही बता दें कि क्या स्वीकार्य है और क्या नहीं। यदि वे नियम तोड़ते हैं, तो इसका क्या परिणाम होगा ये बच्चों को साफ-साफ पता होना चाहिए।
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ये भी ध्यान रखें
धैर्य रखें: बच्चे की जिद को दूर करने में समय लग सकता है। धैर्य रखें और लगातार प्रयास करते रहें।
जरूरत पड़ने पर मदद लें: यदि आपको अपने बच्चे की जिद को संभालने में परेशानी हो रही है, तो किसी बाल मनोवैज्ञानिक या अन्य विशेषज्ञ से सलाह लें।
हर बच्चा होता है अलग: यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हर बच्चा अलग होता है और इनमें से सभी टिप्स हर बच्चे पर काम नहीं कर सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अपने बच्चे के साथ धैर्य रखें और समझदारी से व्यवहार करें।