Parenting Tips: उम्र बढ़ने के साथ कई बच्चे जिद्दी होने लगते हैं। बच्चे की जिद्दीपन की आदत उसके लिए भविष्य में बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं। ऐसे में जरूरी है कि समय रहते बच्चे को अनुशासन का पाठ पढ़ा दिया जाए। बच्चों को अगर जरूरत से ज्यादा लाड़ प्यार दिया जाता है तो बच्चे जल्दी बिगड़ते हैं और जिद्दी होने लगते हैं।
आपको भी अगर लगने लगा है कि बच्चा जिद्दी हो गया है तो अब अलर्ट होने का वक्त है। कुछ पैरेंटिंग टिप्स की मदद से आप बच्चे का जिद्दीपन खत्म कर उसे पूरी तरह से डिसिप्लीन में ला सकते हैं।
6 तरीकों से सिखाएं डिसिप्लीन
सकारात्मकता दिखाएं
प्रशंसा करें: जब आपका बच्चा कोई अच्छा काम करे तो उसकी तारीफ करें। इससे उसे प्रोत्साहन मिलेगा और वह आगे भी अच्छे काम करता रहेगा।
इनाम दें: छोटे-छोटे इनाम देकर भी बच्चों को प्रेरित किया जा सकता है। जैसे, अगर उसने अपना कमरा साफ किया है तो उसे उसकी पसंदीदा चीज दे सकते हैं।
सीमाएं तय करें
साफ नियम बनाएं: बच्चों को समझाएं कि घर में क्या करना है और क्या नहीं। नियमों को सरल और स्पष्ट भाषा में बताएं।
नियमों का पालन करें: खुद भी नियमों का पालन करें ताकि बच्चे आपको अपना आदर्श मानें।
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बेहतर कम्यूनिकेशन
बच्चे की बात सुनें: जब बच्चा कुछ कहना चाहता हो तो उसे ध्यान से सुनें। इससे उसे लगेगा कि आप उसकी परवाह करते हैं।
खुलकर बात करें: बच्चों के साथ खुलकर बात करें और उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें।
उदाहरण पेश करें
अपना व्यवहार सुधारें: बच्चे आपके व्यवहार को देखकर सीखते हैं। इसलिए, खुद भी अच्छा व्यवहार करें।
अन्य लोगों के उदाहरण दें: बच्चों को ऐसे लोगों के बारे में बताएं जो अनुशासित हैं और जिन्हें आप अपना आदर्श मानते हैं।
सही गलत का भेद
गलत काम के लिए परिणाम: अगर बच्चा कोई गलत काम करता है तो उसे उसका तार्किक परिणाम बताएं। जैसे, अगर उसने खिलौने नहीं उठाए तो उसे कुछ समय के लिए खिलौने नहीं खेलने दें।
सकारात्मक परिणाम: अच्छे काम के लिए भी सकारात्मक परिणाम दें।
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धैर्य रखें
समय लगेगा: बच्चों को अनुशासित बनाना एक रात में नहीं होता। धैर्य रखें और लगातार प्रयास करते रहें।
नाराज न हों: अगर बच्चा बार-बार गलती करता है तो नाराज न हों। प्यार से समझाएं और उसे सुधारने का मौका दें।
याद रखें
- शारीरिक दंड से बचें: शारीरिक दंड बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
- सभी बच्चें अलग होते हैं: हर बच्चे की अपनी अलग-अलग जरूरतें और सीखने की क्षमता होती है।
- प्रेम और स्नेह: बच्चों को प्यार और स्नेह दें ताकि वे सुरक्षित महसूस करें।