Health Study Diabetes: अच्छी नींद हमें शारीरिक और मानसिक तौर पर तंदुरुस्त रखने में मददगार होती है, लेकिन अगर नींद बिगड़ना शुरू हो जाए तो फिर इससे कई बीमारियों के होने का खतरा पैदा हो जाता है। खराब नींद या कम नींद मेंटल हेल्थ को बुरी तरह प्रभावित करती है। इतना ही नहीं इससे टाइप टू डायबिटीज के होने का रिस्क भी काफी बढ़ सकता है। 

हाल ही में JAMA नेटवर्क ओपन में पब्लिश हुई एक रिसर्च रिपोर्ट ने कम सोने और डायबिटीज को लेकर कनेक्शन उजागर किया है। रिसर्च के मुताबिक रोज 3 से 5 घंटे तक ही सोने वाले लोगों को टाइप 2 डायबिटीज होने का रिस्क सामान्य लोगों के मुकाबले काफी ज्यादा रहता है। 

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46 करोड़ से ज्यादा हैं मरीज
साल 2020 की एक स्टडी के मुताबिक दुनियाभर में टाइप 2 डायबिटीज के लगभग 46 करोड़ से ज्यादा मरीज हैं। स्टडी से जुड़े रिसर्चर और उप्पासला यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर क्रिश्चियन बेनेडिक्ट ने कहा 'मैं सामान्य तौर पर नींद को प्राथमिकता देने के लिए कहता हूं, जबकि मैं जानता हूं कि ये हमेशा संभव नहीं है, खासतौर पर आप अगर 4 टीनएनजर्स के पैरेंट्स हैं।'

कम होती है ब्लड शुगर प्रोसेसिंग की क्षमता
रिसर्च के मुताबिक आप अगर पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो इससे टाइप टू डायबिटीज का रिस्क बढ़ता है। टाइप 2 डायबिटीज शरीर की शुगर को प्रोसेस करने की क्षमता पर असर डालती है, जिससे इंसुलिन रिलीज होना कम हो जाता है और ब्लड शुगर बढ़ने लगती है। 

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10 साल तक की गई रिसर्च
इस रिसर्च में जिन लोगों को शामिल किया गया था, उन्हें 10 साल तक ऑब्जर्ब किया गया। इसके बाद नतीजा निकाला गया कि 3 से 5 घंटे तक ही सोने वाले लोगों में टाइप 2 डायबिटीज के होने का रिस्क ज्यादा होता है।