Diwali Toran Decoration: दिवाली के अवसर पर घर को तरह-तरह से सजाया जाता है। इसमें घर के द्वार पर तोरण या बंदनवार लगाने की भी परंपरा है। मान्यताओं के अनुसार बंदनवार को मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए लगाया जाता है। यही कारण है, लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के लिए घर के मुख्य दरवाजे पर इसे बांधना शुभ माना गया है। तोरण लगाना पर्व की शुभता को बढ़ाता है।

मिल रही हैं कई वैरायटीज
घर के मुख्य द्वार पर गेंदे के फूलों या फिर आम के पत्तों के संग फूलों से बनी तोरण बहुत सुंदर लगती है। वैसे आप आर्टिफिशल फूल, मोती, ओम या स्वास्तिक प्रतीकों, गणेशजी, सीप या क्रिस्टल जैसी अलग-अलग चीजों से बना तोरण और बंदनवार भी लगा सकती हैं।

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इन दिनों दिवाली की सजावट के सामानों से बाजार सज गए हैं। बाजार में परंपरागत बंदनवार के अलावा पॉम-पॉम, मोती और जरकन लगी बंदनवार खूब मिल रहे हैं। पॉम-पॉम बंदनवार की कीमत 300 से लेकर 900 रुपए तक है। परंपरागत बंदनवार की कीमत जहां 200-800 रुपए प्रति पीस है। वहीं मोती और जरकन लगी बंदनवार की कीमत 150 से 1200 रुपए तक है। ऐसे बंदनवार लगाने से दिवाली की सजावट और भी आकर्षक नजर आने लगती है।

आम के पत्ते-गेंदे के फूल से बने तोरण
पारंपरिक तोरण की बात करें तो इस तोरण को आम, अशोक के पत्ते और गेंदे के फूलों को मिलाकर तैयार किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि आम के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जिससे घर में खुशियां आती हैं और बीमारियां दूर रहती है। हरे, पीले और नारंगी रंगों वाले ये तोरण त्योहार पर शुभता के प्रतीक माने जाते हैं।

मोतियों-घंटियों वाले तोरण
मोतियों और घंटियों से सजी ये तोरण बेहद खूबसूरत दिखते हैं। बाजार में हल्की से भारी हर वैरायटी में ऐसे तोरण मिल जाएंगे। ऐसे तोरण में शीशे के टुकड़े भी लगे होते हैं, जिन पर दीयों की रोशनी पड़ने से ये और भी जगमगा उठते हैं।

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गोटा पत्ती बंदनवार
गोटा पत्ती का उपयोग, पूजा की थाली सजाने में हो या फिर कलश सजाने में किया जाता है। गोटा पत्ती से बनी बंदनवार चौड़ी और लटकन वाली होती है। चौड़ी पट्टी की होने के कारण इसमें गोटा पत्ती से फूल और डिजाइन बनाया जाता है, साथ ही लटकन में घंटियां, मोती और कपड़े के टेसल्स बनाए जाते हैं, जिन्हें गोटे से डेकोरेट किया जाता है। गोटा पत्ती से बने ये राजस्थानी तोरण दिवाली के अवसर पर घर की रौनक और बढ़ा देते हैं।