Herbal Colors: होली का रंग खुशियों का त्यौहार है और इस फेस्टिवल सेलिब्रेशन से जिंदगी में भी खुशनुमा रंग भर जाते हैं। हालांकि कई बार होली का त्यौहार परेशानी का भी सबब बन जाता है और इसके पीछे की वजह बनती है कैमिकलयुक्त रंगों का होना। इस परेशानी से बचने के लिए घर पर ही हर्बल रंग तैयार करना समझदारीभरा कदम हो सकता है। इन रंगों को फूल, फल, सब्जियां और मसाले से तैयार किया जा सकता है।
हर्बल रंग प्राकृतिक रूप से प्राप्त किए गए रंग होते हैं जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित होते हैं और त्वचा पर भी कोई हानिकारक प्रभाव नहीं डालते। ये रंग न केवल शरीर और कपड़ों के लिए सुरक्षित होते हैं, बल्कि इनसे प्राकृतिक सौंदर्य भी मिलता है।
हर्बल रंग कैसे बनाएं?
लाल रंग
चुकंदर: चुकंदर को काटकर या किसकर सुखा लें और फिर इसे पीसकर अरारोट, मैदा या चावल का आटा मिलाकर लाल रंग तैयार करें।
गुलाब या गुड़हल: लाल गुलाब या गुड़हल की पंखुड़ियों को सुखाकर पीस लें। इसमें चावल का आटा और लाल केसर मिलाकर भी लाल रंग बनाया जा सकता है।
अनार: अनार के दानों को पानी में उबालकर भी लाल रंग बनाया जा सकता है।
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पीला रंग
हल्दी: हल्दी सबसे अच्छा विकल्प है। बेसन में हल्दी मिलाकर एक हर्बल पाउडर बनाएं। हल्दी को पानी में मिलाकर भी रंग तैयार किया जा सकता है।
गेंदे के फूल: गेंदे के फूलों को उबालकर या पीसकर भी पीला-नारंगी रंग तैयार किया जा सकता है।
हरा रंग
पालक या मेथी: पालक या मेथी का उपयोग करके हरा रंग बनाया जा सकता है। इसे पीसकर या उबालकर गीला रंग, और इसके पेस्ट को सुखाकर अरारोट या चावल के आटे के साथ पाउडर वाला सूखा रंग बनाया जा सकता है।
मेहंदी: मेहंदी पाउडर को गुलाल की तरह इस्तेमाल करें।
नीम के पत्ते: नीम के पत्तों से हरा रंग आसानी से बनाया जा सकता है।
नीला रंग
नील: नील के पौधे की पत्तियों को सुखाकर और पीसकर नीला रंग बनाया जा सकता है।
अपराजिता के फूल: अपराजिता के फूलों को सुखाकर और पीसकर नीला रंग बनाया जा सकता है।
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अन्य रंग
केसरिया: टेसू के फूलों को रात भर पानी में भिगोकर केसरिया रंग बनाया जा सकता है।
बैंगनी: चुकंदर को पीसकर, छानकर पानी मिलाएं और इसे भिगोकर रखें। कुछ समय बाद यह गहरा बैंगनी रंग देगा।
ध्यान रखने योग्य बातें
- रंगों को बनाने के लिए प्राकृतिक चीजों का उपयोग करें।
- रंगों को बनाने के बाद उन्हें अच्छी तरह से सुखा लें।
- रंगों को त्वचा पर लगाने से पहले एक छोटे से हिस्से पर परीक्षण करें।
- होली खेलते समय आंखों और मुंह को रंगों से बचाएं।