Gardening Tips: लौकी की सब्जी पौष्टिकता से भरपूर सब्जी है और ज्यादातर घरों में इसे हफ्ते में एक बार तो खाया ही जाता है। पोषण से भरी लौकी की सब्जी ज्यादातर लोग मार्केट से खरीदकर खाते हैं। हालांकि, आप चाहें तो लौकी को घर में भी उगा सकते हैं, इससे आसानी से आप ताजी लौकियों को खा सकेंगे। आपके घर में अगर बागवानी की जगह है या रूफ गार्डनिंग के शौकीन हैं तो वहां आसानी से लौकी की बेल को उगा सकते हैं।
लौकी उगाने के लिए थोड़ी सी मेहनत में ही उत्साहजनक परिणाम देखने को मिल जाएंगे। लौकी की बेल की सही देखभाल से कुछ ही वक्त में ये हरी सब्जी बेल पर लदी नजर आ सकती है।
लौकी उगाने का तरीका
बीजों का चयन: अच्छी गुणवत्ता वाले और ताजे बीजों का चयन करें। आप बाजार से प्रमाणित बीज खरीद सकते हैं या फिर पिछली फसल से प्राप्त बीजों का उपयोग कर सकते हैं।
मिट्टी और गमला: लौकी के लिए दोमट और रेतीली मिट्टी सबसे अच्छी होती है। आप बाजार से तैयार मिट्टी का मिश्रण खरीद सकते हैं या फिर घर पर ही गोबर की खाद, रेत और मिट्टी को मिलाकर मिट्टी तैयार कर सकते हैं। गमले का चुनाव लौकी के पौधे के आकार के अनुसार करें। कम से कम 12-15 इंच गहरा और 15-20 इंच चौड़ा गमला उपयुक्त होगा।
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बुवाई का समय: भारत में लौकी की बुवाई का सबसे अच्छा समय मार्च से मई और सितंबर से अक्टूबर के बीच होता है। आप अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार बुवाई का समय चुन सकते हैं।
बुवाई का तरीका: गमले में मिट्टी को अच्छी तरह से भरकर समतल कर लें। मिट्टी में 1-2 इंच गहरा गड्ढा बनाएं और उसमें 2-3 बीज डालें। बीजों को मिट्टी से ढक दें और हल्के से पानी दें। गमले को ऐसी जगह पर रखें जहाँ उसे भरपूर धूप मिले।
देखभाल: नियमित रूप से पानी दें, लेकिन मिट्टी को जलभराव न होने दें। जब पौधे 3-4 इंच ऊंचे हो जाएं, तो कमजोर पौधों को निकालकर मजबूत पौधों को जगह दें। खाद डालने के लिए, आप हर 2-3 सप्ताह में गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग कर सकते हैं।
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लौकी के पौधे को सहारा देने के लिए एक मजबूत जाली या बांस की छड़ी लगाएं। मौसम के अनुसार, आपको कीटों और बीमारियों से पौधे की सुरक्षा करनी होगी।
कब तोड़ें: बेल पर लौकी आमतौर पर बुवाई के 60-70 दिनों के बाद तैयार हो जाती है। जब लौकी हरे रंग की हो और उस पर थोड़ा सा फुलाव आ जाए, तो उसे तोड़ने के लिए तैयार माना जा सकता है।लौकी को चाकू से सावधानी से काटें।