Parenting Tips: इन दिनों जैसी तपती गर्मी पड़ रही है, उससे बचने के लिए बच्चों का खास ख्याल रखना जरूरी है। यहां बताई जा रही बातें, बच्चे को गर्मी से बचाने में कारगर हो सकती हैं। हालांकि इन दिनों अधिकांश राज्यों के स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां चल रही हैं। इस वजह से बच्चे घर से बाहर कम ही निकलते हैं। लेकिन बीते कुछ दिनों से जैसी तपती गर्मी पड़ रही है, उससे बच्चों के बीमार होने की आशंकाएं बढ़ गई हैं। इस दौरान लापरवाही बरतने पर डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक, गर्मी से थकान, लू लगने जैसी समस्याएं बच्चों को हो सकती हैं। उन्हें इससे बचाने के लिए आपको पूरी सावधानी बरतने की जरूरत है।
जब रहें घर के भीतर
अगर आप ऐसी जगह में रहती हैं, जहां अकसर बिजली चली जाती है या घर में एयर कंडीशनर नहीं है तो ऐसे में बच्चों को गर्मी से बचाना काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। घर के बाहर की तपिश से बचाने के लिए उन्हें घर के भीतर ही रखना एक विकल्प होता है। इस दौरान घर की खिड़कियों और दरवाजों को बंद रखें, ताकि बाहर की गर्म हवाएं घर में ना आ सकें। अगर आप घर में टेबल फैन का इस्तेमाल करती हैं तो उसे बच्चों की पहुंच से दूर रखें। पंखे की सीधी गर्म हवा भी बच्चों में एलर्जी का कारण बन सकती है। इससे उनको आंखों में खुजली और नाक बहने की समस्या हो सकती है। इसलिए पंखे के ठीक सामने बच्चे को ना बैठाएं या लिटाएं। गर्मी से बचाव के लिए कूलर की नमी भरी हवा राहत देती है। पंखे के सामने रहने के बजाय बच्चे को कूलर वाले रूम में बैठाएं या लिटाएं।
जब घर से जाना पड़े बाहर
हालांकि डॉक्टर्स ने सलाह दी है कि इन दिनों बच्चों और बुजुर्गों को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। इसके बावजूद अगर मजबूरी या किसी जरूरी काम से बच्चों को घर से बाहर जाना पड़े तो पूरी सावधानी बरतें। बच्चों को हाइड्रेट रखें और उन्हें कुछ कुछ देर में पानी पिलाती रहें। नारियल पानी या आम पना भी पिला सकती हैं। अगर आप ब्रेस्टफीड कराने वाले बच्चे के साथ बाहर जा रही हैं तो उसे अपने दूध के अलावा ऊपर का दूध भी पिलाएं। उबालकर ठंडा किया हुआ पानी भी पिला सकती हैं। बच्चे को गहरे रंगों की बजाय हल्के रंग के कपड़े पहनाएं। जिनमें पर्याप्त वेंटिलेशन हो। बच्चों में बड़ों की तुलना में पसीना कम आता है, इसलिए उन्हें लूज ड्रेस ही पहनाएं।
इससे मिलेगी ठंडक
गर्मी के कारण शरीर को थकान भी ज्यादा लगती है। इससे बच्चों में चिड़चिड़ापन आता है। इससे बचाव के लिए बच्चे को ठंडक का अहसास दिलाने के प्रयास करती रहें। बच्चे को अगर बहुत ज्यादा गर्मी लग रही है तो उसे ठंडे पानी से दिन में दो बार नहला सकती हैं। उसके शरीर पर कूल फील कराने वाले टाल्कम पावडर लगा सकती हैं। कुछ कुछ देर में उसे मैंगो शेक, छाछ या लस्सी पीने को दे सकती हैं। इन उपायों से उसे ठंड का अहसास होगा।
तब तुरंत दिखाएं डॉक्टर को
बेहद सतर्कता बरतने के बावजूद अगर बच्चों को लू लग जाती है तो उसके ट्रीटमेंट में देर ना करें। इसे कुछ लक्षणों से आप पहचान सकती हैं। अगर बच्चे को बेहोशी महसूस हो, ज्यादा नींद आए, सिरदर्द हो, ज्यादा प्यास लगे, गर्मी के कारण बुखार हो, कई घंटों तक पेशाब न हो, जी मिचलाए, उल्टी आए, मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन जैसी कोई भी समस्या हो तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं। क्योंकि लू लगने पर ट्रीटमेंट में देरी से स्थिति गंभीर हो सकती है।