Success Tips: दुनिया के ‘मोस्ट सक्सेसफुल पीपल’ की लिस्ट में शुमार फोर्ड कंपनी के मालिक हेनरी फोर्ड का मानना था कि अपनी प्रोडक्टिविटी को इंप्रूव करने का मतलब है कि पसीना कम बहाओ, लेकिन रिजल्ट बेहतरीन होने चाहिए। यानी लगातार बस मेहनत करते रहना प्रोडक्टिव होना नहीं होता। प्रोडक्टिव होने का सीधा मतलब है-स्मार्टली वर्क करना। अपना टाइम और एनर्जी सही तरह से और स्मार्टली यूज करना। अपनी प्रोडक्टिविटी को बूस्ट करते रहना और आत्मविश्वास के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना और सफलता हासिल करना।
बढ़ा सकते हैं प्रोडक्टिविटी
जीवन के किसी भी क्षेत्र में कामयाबी पाने के लिए मेहनत करने के साथ-साथ प्रोडक्टिव होना जरूरी है। इसके लिए रोजाना कुछ नया सीखना या नया करते रहना जरूरी है। यह प्रक्रिया जीवनपर्यंत चलती रहती है। देखा जाए तो हर किसी को काम करने के लिए दिन के वही 24 घंटे ही मिलते हैं। कुछ लोगों की शिकायत रहती है कि उन्हें कुछ नया करने या सीखने का टाइम ही नहीं मिलता। 24 घंटे का दिन उनको छोटा लगता है। दूसरी तरफ कामयाब लोग इसी समय में अपनी प्रोडक्टिविटी को लगातार बढ़ाते रहते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि काम टाइम के हिसाब से कैसे करना है और वो कम समय में बेहतर तरीके से काम कर लेते हैं। अधिक प्रोडक्टिव बनने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
लक्ष्य निर्धारित करें
यह सबसे जरूरी है कि आपको पता होना चाहिए कि कौन-सा काम करना है। उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए या करते समय आपका पूरा फोकस उसी काम पर होना चाहिए, जबकि अधिकतर लोग ऐसा नहीं कर पाते। इसके पीछे मूलत: दो कारण होते हैं। पहला, उन्हें अपने रुझान का पता नहीं होता कि क्या करना उन्हें मोटिवेट करता है और काम के प्रति संजीदा बनाए रखता है। दूसरा, टाइम मैनेजमेंट न होना यानी, वे नियत टाइम पर काम कर ही नहीं पाते। इससे उनकी प्रोडक्टिविटी कम होती जाती है। अगर आप आगे बढ़ना चाहते हैं तो सबसे पहले इस बात का पता लगाएं कि आपका रुझान किस काम को करने में हैं, जिसे आप रेग्युलरली कर सकते हैं। तभी आप उस काम पर फोकस कर पाएंगे और बेहतरीन परिणाम के साथ नियत समय पर पूरा कर पाएंगे।
मेडिटेशन करें
मेडिटेशन न केवल हमें अपने काम पर कंसंट्रेशन और फोकस बढ़ाने में मदद करता है, ये मानसिक रूप से मजबूत भी बनाता है। इससे हम किसी भी समस्या का बेहतर समाधान ढूंढ़ पाते हैं और काम अच्छे तरीके से कर पाते हैं। हमारी प्रोडक्टिविटी खुद-ब-खुद बूस्ट हो जाती है। आजकल की भागम-भाग वाली जीवनशैली में खुद को कूल रखने के लिए मेडिटेशन बहुत कारगर है। सुबह 10 से 15 मिनट आप अपने लिए जरूर निकालें और शांत जगह पर मेडिटेशन करें। इससे आपके अंदर पॉजिटिव एनर्जी आएगी, दिलोदिमाग में मौजूद स्ट्रेस, एंजाइटी दूर होगी और नई स्फूर्ति से अपने काम कर पाएंगे और परफॉर्मेंस भी बेहतर होगी।
ब्रेक लेते रहें
वैसे तो हम जितना ज्यादा प्रोडक्टिव होते जाते हैं, उतना अच्छे तरीके से अपना टाइम मैनेज करना सीख पाते हैं। कई जरूरी कामों के लिए टाइम भी निकाल पाते हैं, लेकिन हमेशा ऐसा संभव नहीं होता है। कई बार हम अनप्रोडक्टिव महसूस करते हैं, जो हमें खुद को रिचार्ज करने का संकेत देता है। यानी अपने काम से थोड़ी देर के लिए ब्रेक लेना। ऐसा ब्रेक, काम को बेहतर तरीके से पूरा करने के लिए आपको बूस्ट और रिचार्ज कर देता है। इससे आप ज्यादा एनर्जेटिक महसूस करते हैं और अपनी पॉवर और लिमिट को समझकर अपने काम को सही समय पर पूरा करना सीखते हैं। इसलिए अपनी प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने के लिए काम के बीच में ब्रेक लेते रहें। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि 50 मिनट तक लगातार काम करने के बाद 10 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए।
कुछ नया सीखते रहें
कहावत है कि अगर सीखना बंद तो जीतना बंद। आज के दौर में अपनी वैल्यू को बनाए रखने के लिए समय के साथ खुद को बदलना बहुत जरूरी हो गया है। अपनी प्रोडक्टिविटी को बूस्ट करने के लिए नई सोच, नई दिशा और टेक्नोलॉजी से जुड़ना बेहद जरूरी है। इसलिए खुद को नियमित रूप से अपडेट और अपग्रेड करते रहें। लिहाजा अपनी वैल्यू और अपनी स्किल्स बढ़ाने और खुद को ज्यादा प्रोडक्टिव बनाने के लिए कुछ नया सीखते रहना चाहिए।