Prostate Cancer: प्रोस्टेट कैंसर पुरुयों में पाया जाने वाला एक सामान्य कैंसर है, जो प्रोस्टेट ग्रंथि को प्रभावित करता है। इस कैंसर के उपचार के लिए विभित्र विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें सर्जरी, हार्मोनल थैरेपी, कीमोथैरेपी और रेडिएशन थैरेपी प्रमुख हैं। रेडिएशन थैरेपी एक प्रभावी उपचार विधि है, जिसका उपयोग कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने और उनके विकास को रोकने के लिए किया जाता है।
रेडिएशन थैरेपी उपचार प्रोस्टेट कैंसर के लिए किस तरह लाभदायक है इस बारे में विस्तार से जानकारी दे रही हैं इंदौर स्थित कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल की रेडिएशन थैरेपी विभाग की कंसल्टेंट डॉ. अपर्णा शुक्ला।
क्या है रेडिएशन थैरेपी?
रेडिएशन थैरेपी एक चिकित्सीय प्रक्रिया है, जिसमें उच्च ऊर्जा वाली किरणों (एक्स-रे, पोटॉन आदि) का उपयोग किया जाता है ताकि कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जा सके। उपचार के लिए डायगनोसिस के बाद बीमारी का रिस्क स्टेटिफिकेशन किया जाता है- जैसे- वेरी लो, इंटरमिडिएट हाई और वेरी हाई रिस्क।
प्रोस्टेट कैंसर में रेडिएशन थैरेपी के प्रमुख लाभ
कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में सहायक- यह थैरेपी कैंसरग्रस्त उतकों पर केंद्रित किरणें छोड़ती है, जिससे कैंसर कोशिकाएं धीरे-धीरे मरने लगती हैं।
कम दर्द और कम आक्रामक उपचार- सर्जरी की तुलना में यह प्रक्रिया कम आक्रामक होती है, जिसमें रोगी को कम दर्द और जटिलताओं का सामना करना पड़ता है।
मेटास्टेटिस रोकने में सहायक- यदि कैंसर कोशिकाएं शरीर के अन्य भागों में फैलने लगती हैं, तो रेडिएशन थैरेपी उनके प्रसार को रोकने में मदद कर सकती है।
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प्रोस्टेट कैंसर के पुनरावृत्ति की संभावना कम करना- यह थैरेपी कैंसर के दोबारा लौटने की संभावना को कम कर सकती है, खासकर उन मरीजों में जिनका कैंसर सर्जरी के बाद भी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है।
जीवन की गुणवत्ता बनाए रखने में सहायक- यह थैरेपी प्रोस्टेट कैंसर के लक्षणों जैसे पेशाब करने में कठिनाई और दर्द को कम करने में मदद करती है, जिसमें रोगी की जीवन गुणवता बेहतर होती है।
बीमारी का उपचार रिस्क स्टेटिफिकेशन और मरीज की अनुमानित उम्र के अनुसार मल्टी स्पेशलिटी टीम के द्वारा निर्धारित किया जाता है। रेडियोथैरेपी प्रोस्टेट कैंसर उपचार की एक प्रमुख विधा है। हाई रिस्क और वेरी हाई रिस्क केसेस में हार्मोनल थैरेपी के साथ रेडियोथैरेपी दी जाती है।
प्रोस्टेट कैंसर का उपचार में रेडियोथैरेपी की भूमिका
नवीनतम अनुसंधान और वैज्ञानिक प्रमाणों के अनुसार वेरी हाई रिस्क और हाई रिस्क केसेस में रेडियोथैरेपी और हार्मोनल थैरेपी के द्वारा उपचार किया जाता है। इन्टरमीडिएट और लो रिस्क केसेस में भी सर्जरी और रेडियोथैरेपी के द्वारा उपचार के रिजल्ट बराबर हैं।
सिलेक्टेड मेटास्टेटिक डिसीज में भी रेडियोथैरेपी का रोल है। रेडियोथैरेपी की बोन एंड ब्रेन मेप्स में लक्षणों को कन्ट्रोल करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
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ओलिगो मेटास्टेसिस में भी रेडियोथैरेपी एक क्यूरेटिव मॉडलिटी है। नवीनतम तकनीकों जैसे- IGRI, RAPIDARC, SBRT के द्वारा सामान्य अंगों जैसे
मलाशय, मूत्राशय, बोनमेरो, पोनाइल बल्ब, न्यूरोवेस्कुलर बंडल आदि को बचाते हुए केवल प्रोस्टेट ग्रंथि को टारगेट किया जाता है। जिससे मरीज की दैनिक दिनचर्या में उपचार के दौरान और पश्चात भी कोई बदलाव नहीं आता है। साइड इफेक्ट्स नहीं होने से इलाज के साथ-साथ जीवन की गुणवत्ता भी बनी रहती है। साथ ही उपचार की अवधि भी कम हो गई है। साथ ही यह उपचार एक से चार सप्ताह में पूरा किया जा सकता है।
एडमिशन और ऐनेस्थीसिया की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अलावा डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हृदय रोगी या अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए भी सुरक्षित होती है।