World TB Day: विश्व टीबी दिवस 24 मार्च को मनाया जाता है, लेकिन इस दिन रविवार होने पर एक दिन पहले शनिवार को बंसल अस्पताल में मनाया गया। इंडियन फर्टिलिटी समिति के तत्वावधान में एमपी चैप्टर ने औबस गायनी समिति के साथ में मिलकर बच्चेदानी की टीबी के ऊपर कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस दौरान प्रोफेसर डॉ. जे बी शर्मा ने टीबी की समस्या का समय पर निदान के बारे में जानकारी दी।
इन्हें मिलेगा डॉ. सत्य खनिजों ओरेशन अवार्ड
उन्हें साल 2024 का डॉ. सत्य खनिजों ओरेशन अवार्ड उन्हें प्रदान किया जायेगा। यह अवार्ड रीवा की सीनियर प्रोफेसर डॉ. सत्य खनिजों के नाम पर वर्ष 2022 में आरंभ किया गया था। बता दें, प्रोफेसर डॉ. जे बी शर्मा बच्चेदानी की टीबी के ऊपर विश्व विख्यात शोध हैं। वर्तमान में एम्स नई दिल्ली में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत है।
इस दिन मनाया जाता है वर्ल्ड टीबी डे
हर साल 24 मार्च को वर्ल्ड टीबी डे मनाया जाता है। इसी दिन 1800 ईसवी में रॉबर्ट कोच ने टीबी के बैक्टीरिया का शोध किया था। ग्लोबल रिपोर्ट 2022 के अनुसार दुनिया में हर साल टीबी से 90 लाख लोग ग्रसित होते हैं, इसमें से 28% लोग भारतीय हैं। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने 1993 में टीबी को ग्लोबल इमरजेंसी बताया था। यह संतानहीनता और माहवारी की समस्याओं का बहुत बड़ा कारण है, परंतु अधिकतर उचित निदान के अभाव में इसका इलाज समय पर नहीं हो पाने के कारण संतानहीनता की समस्या बहुत बढ़ रही है।
टीबी को 2025 तक मिटाने का लक्ष्य
3 से 16 प्रतिशत संतानहीनता के मरीजों में बच्चेदानी की टीबी कारण होती है। विश्व टीबी उन्मूलन का लक्ष्य यह है कि 2030 तक एक लाख लोगो में से १० से कम लोगो में यह पाया जाये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीबी को 2025 तक मिटाने का लक्ष्य हमे दिया है। जब तक बच्चेदानी के टीबी का उचित निदान और इलाज के बारे में जागरूकता नहीं होगी तब तक रोगथाम में सहायता नहीं मिलेगी। नेशनल ट्यूबरक्लोसिस एलिमिनेशन प्रोग्राम ने टीबी को एक नोटीफिएबल डिजीज बताया है जिसका निशुल्क इलाज प्राइवेट अस्पतालों और सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध कराया है। बच्चेदानी की टीबी के उन्मूलन से ही हम end TB by 2025 के लक्ष्य को हासिल कर सकते है और इसमें प्राइवेट डॉक्टर्स व क्लीनिक्स का बड़ा योगदान हो सकता है।