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75th Constitution Day Celebrations: संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर दिल्ली स्थित पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल समेत देशभर के कई शहरों में विशेष कार्यक्रम हुए। हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान अभियान लॉन्च हुआ।

75th Constitution Day Celebrations: भारत के संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर मंगलवार (26 नवंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने एक विशेष कार्यक्रम को संबोधित किया। यह कार्यक्रम सुप्रीम कोर्ट में आयोजित हुआ। पीएम मोदी ने संविधान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह हमारे लिए एक कानून की किताब से कहीं ज्यादा महत्व रखता है। भारत का संविधान ही देश के विकास का मार्गदर्शक है।

संविधान सिर्फ एक कानून की किताब नहीं: मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- 'जम्मू-कश्मीर में संविधान पूरी तरह से लागू हो गया है। वहां भी संविधान दिवस मनाया गया। संविधान सिर्फ एक कानून की किताब नहीं है। यह हमारे सतत विकास का मार्गदर्शक है। हमारी सरकार ने संविधान की मूल भावना को सशक्त करने का कार्य किया है। सरकार का फोकस देश के नागरिकों के लिए ईज ऑफ लिविंग पर है। भारत के सपने नई ऊंचाई पर पहुंचे हैं। पिछले 10 सालों में आर्थिक समानता को लेकर कई बड़े काम हुए हैं। आज 10 करोड़ महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए। करोड़ों लोगों को पक्के मकान मिले हैं।'

'हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान' का उद्देश्य
मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए "हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान" अभियान का उद्देश्य संविधान निर्माताओं के योगदान को सम्मानित करना और उसमें निहित मूलभूत मूल्यों को दोहराना है। यह पहल संविधान के महत्व और उसके आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने संयुक्त बैठक को किया संबोधित
इस ऐतिहासिक अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। उनके संबोधन ने 75 वर्षों की इस यात्रा और भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। यह कार्यक्रम वर्षभर चलने वाले आयोजनों का शुभारंभ था। संविधान दिवस का यह विशेष आयोजन, भारतीय लोकतंत्र की नींव और उसकी विकास यात्रा का जश्न मनाने का अवसर है, जिसमें संविधान के आदर्शों और मूल्यों को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने पर जोर दिया गया है।

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26 नवंबर को ही क्यों मनाते हैं संविधान दिवस?  

  • भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने संविधान को अपनाया था। यह संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, जिसने भारतीय इतिहास में एक नए युग की शुरुआत की। डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि भारतीय संविधान में देश के हर नागरिक के अधिकारों का ध्यान रखा गया है।
  • संविधान सभा की पहली बैठक दिल्ली में 9 दिसंबर, 1946 को पुराने संसद भवन भवन के सेंट्रल हॉल में हुई। जैसा कि लोकसभा की वेबसाइट में बताया गया है, उस दिन इस अवसर के लिए कक्ष को शानदार ढंग से सजाया गया था और "ऊंची छतों से लटकते उज्ज्वल लैंपों का एक समूह" और इसकी दीवारों पर कोष्ठक के साथ एक नया रूप दिया गया था।
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