Aurangzeb Tomb Dispute: मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। महाराष्ट्र के संभाजीनगर में कब्र हटाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। सोमवार (17 मार्च) को बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने 'महाराष्ट्र सरकार' से कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने कब्र न हटाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। कार सेवकों ने कहा कि सरकार ने अगर कब्र को नहीं हटाया तो हम अयोध्या बाबरी मस्जिद की तरह खुद हटा देंगे। हिंदू संगठनों की धमकी के बाद संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी है।

यहां से शुरू हुआ विवाद 
समाजवादी पार्टी नेता अबू आजमी के बयान से शुरू हुआ बवाल बढ़ता जा रहा है। कई राज्यों तक सियासी आहट पहुंच गई है। सोमवार को महाराष्ट्र में कब्र हटाने की मांग को लेकर हिंदू संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। संभाजीनगर, नागपुर सहित कई शहरों में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर बजरंग दल ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया। कार सेवकों ने कहा कि फडणवीस सरकार ने अगर कब्र को नहीं हटाया तो हम अयोध्या बाबरी मस्जिद की तरह खुद हटा देंगे।

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औरंगजेब की कब्र के पास जाना प्रतिबंधित 
कार सेवकों के इस ऐलान के बाद छत्रपति संभाजी नगर में स्थित औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई। औरंगजेब की कब्र वाले इलाके में पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। विभिन्न स्थानों पर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। औरंगजेब के मकबरे का मुख्य द्वार पुलिस ने बंद कर दिया है। औरंगजेब की कब्र के पास जाना भी प्रतिबंधित कर दिया है। फिलहाल औरंगजेब के मकबरे को बाहर से ही देख सकते हैं।

1707 में बनी थी औरंगजेब की कब्र
मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र के खुल्दाबाद में है। इतिहासकारों के मुताबिक, 1707 में औरंगजेब का निधन हुआ। उनकी इच्छा के अनुसार खुल्दाबाद में उनके आध्यात्मिक गुरु शेख जैनुद्दीन की दरगाह के पास दफनाया। यह स्थान छत्रपति संभाजीनगर से 25 किमी दूर है। इस स्थान को ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। आज भी लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं।

'क्रूर शासक का निशान क्यों रहना चाहिए' 
विश्व हिंदू परिषद (VHP) महाराष्ट्र और गोवा के क्षेत्रीय मंत्री गोविंद शेंडे ने औरंगजेब की कब्र को गुलामी का प्रतीक बताया। शेंडे ने कहा कि औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को मारने से पहले 40 दिनों तक यातना दी थी। ऐसे क्रूर शासक का निशान क्यों रहना चाहिए। तेलंगाना के गोशामहल से भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने VHP और बजरंग दल की मांग का समर्थन करता हूं।