OBC reservation in Telangana: तेलंगाना की रेवंत रेड्डी सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) 42 फीसदी आरक्षण देने जा रही है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सोमवार (17 मार्च) को सोशल मीडिया पोस्ट लिखकर ओबीसी रिजर्वेशन का ऐलान किया है। तेलंगाना सीएम ने बताया कि शिक्षा, नौकरी और रोजगार के अलावा राजनीतिक प्रतिनिधित्व में भी ओबीसी को 42 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।
सीएम रेवंत रेड्डी ने X पर पोस्ट में लिखा-तेलंगाना मुख्यमंत्री के रूप में पूरी गंभीरता से कह सकता हूं कि तेलंगाना में ओबीसी आबादी 56.36 प्रतिशत है। इस समूह को शिक्षा, नौकरी, रोजगार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में 42 प्रतिशत आरक्षण देने का संकल्प ले रहे हैं।
सीएम रेवंत रेड्डी ने आगे लिखा-भारत में सामाजिक क्रांति का नेतृत्व करने वाले तेलंगाना राज्य पर गर्व है। आजादी के बाद से लंबित पिछड़े वर्ग की सबसे बड़ी और जरूरी जातिगत जनगणना संबंधी मांग पूरी हो गई। अब 42 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का वादा भी पूरा होने जा रहा है।
तेलंगाना में अभी 23 फीसदी आरक्षण
- तेलंगाना में अभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 23 फीसदी आरक्षण मिलता है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वादा किया था कि कांग्रेस सरकार बनी तो ओबीसी आरक्षण बढ़ाकर 42 प्रतिशत करेंगे।
- मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने विधानसभा में राहुल के इस वादे का जिक्र करते हुए बताया था कि सत्ता संभालते ही हमने जाति जनगणना शुरू की।
- पिछली सरकार ने ओबीसी आरक्षण 37 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा था। हम ओबीसी को 42 प्रतिशत आरक्षण देना चाहते हैं।
राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सभी राजनीतिक दलों और उनके नेताओं से समर्थन की अपील की है। कहा, इस मुद़्दे पर सभी दल साथ आएं और प्रधानमंत्री से मिलें। ओबीसी आरक्षण को 42 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए कानूनी सहायता भी लेंगे। पिछड़ी जातियों को जब तक 42 प्रतिशत आरक्षण नहीं मिल जाता, हम शांत नहीं बैठने वाले।
राज्यपाल की मंजूरी जरूरी
सीएम रेवंत रेड्डी ने ओबीसी रिजर्वेशन बढ़ाए जाने का औपचारिक ऐलान किया है। अब कैबिनेट और विधानसभा से प्रस्ताव पास कर राज्यपाल के पास भेजेंगे। राज्यपाल की स्वीकृति के बाद यह लागू होगा। राज्यपाल सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर इसे अटका सकते हैं। छत्तीसगढ़ और झारखंड में आरक्षण संबंधी प्रस्ताव इसी तरह से अटके हैं।
ओबीसी आरक्षण में कानूनी पेंच
तेलंगाना में ओबीसी को 42 फीसदी आरक्षण दिए जाने के बाद आरक्षण सीमा 62 फीसदी पहुंच जाएगी, जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 50 फीसदी की लिमिट से ज्यादा है। हालांकि, तमिलनाडु में 70 फीसदी आरक्षण लागू है। इसके लिए 9वीं अनुसूची में शामिल कराना जरूरी है।