Logo
Bengal Anti-Rape Bill introduced: बंगाल विधानसभा में ममता सरकार ने एंटी रेप बिल अपराजिता विधेयक पास हो गया। इसमें दुष्कर्मियों को 10 दिनों में फांसी की सजा देने का प्रावधान है।

Bengal Anti-Rape Bill Introduced: ममता बनर्जी सरकार ने बंगाल विधानसभा (West Bengal Assembly) के विशेष सत्र में आज, मंगलवार, 3 सितंबर को एंटी-रेप बिल (Bengal Anti-Rape Bill) पास हो गया। इस विधेयक को लेकर सुवेंदु अधिकारी ने आपत्ति जताई, हालांकि, इसे मंजूर नहीं किया गया। इसके बाद सर्वसम्मति से विधेयक पारित हो गया। विधेयक पारित होने के बाद ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। बीजेपी शासित राज्यों में हो रही दुष्कर्म की घटनाओं पर सरकार को घेरा।

इस बिल का नाम अपराजिता विधयेक 2024 है। इस विधेयक में दुष्कर्मियाें को 10 दिन के अंदर फांसी देने का प्रावधान है। इस बीच राज्य भर में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर काे लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार को भी कोलकाता पुलिस मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया। 

दस दिनों में होगी दुष्कर्मियों को फांसी
ममता बनर्जी सरकार द्वारा पेश किए गए इस एंटी-रेप बिल (Bengal Anti-Rape Bill) में यह प्रावधान किया गया है कि बलात्कार के दोषियों को दस दिनों के भीतर फांसी की सजा दी जाएगी। इसका नाम 'अपराजिता महिला और बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून और संशोधन) बिल 2024' रखा गया है। इस बिल का उद्देश्य बलात्कार के मामलों में तेजी से न्याय दिलाना है और महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देना है।

ये भी पढें: ममता की चिट्ठी पर केंद्र का करारा जवाब: कहा- आपके दावे गलत, कानून पहले से ही कड़े हैं

विपक्षी दलों का समर्थन, लेकिन असहमति भी
बंगाल विधानसभा में इस बिल के पेश किए जाने के बाद, प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी (BJP) ने इस कदम का समर्थन किया है। बीजेपी का कहना है कि वे महिला सुरक्षा के मुद्दे पर ममता सरकार के साथ हैं। लेकिन इसके साथ ही कुछ विपक्षी नेताओं ने बिल के कुछ प्रावधानों पर असहमति भी जताई है। उनका मानना है कि इस बिल में कुछ और सुधार की जरूरत है, ताकि यह और भी प्रभावी साबित हो सके।

ये भी पढें: ममता के बयान पर घमासान: बोलीं- बंगाल जला तो असम-पूर्वोत्तर भी जलेगा, हिमंत सरमा बोले- असम को कैसे धमकी दी

डॉक्टरों के प्रदर्शन पर टीएमसी नेता की विवादित टिप्पणी
टीएमसी नेता अरुंधति मैत्रा ने डॉक्टरों के प्रदर्शन पर विवादित बयान दिया, जिसमें उन्होंने डॉक्टरों को 'कसाई' कहा। इस बयान से बंगाल में तनाव और बढ़ गया है। डॉक्टरों ने इस टिप्पणी का कड़ा विरोध किया है और इसे असंवेदनशील करार दिया है। डॉक्टरों का कहना है कि वे केवल न्याय की मांग कर रहे हैं और मरीजों का इलाज जारी है। इस बयान से स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है।

ये भी पढें: कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस: SC ने ममता सरकार को लगाई फटकार, पूछा- अंतिम संस्कार के 3 घंटे बाद क्यों दर्ज हुई FIR

क्या है 'अपराजिता महिला और बाल' बिल?
अपराजिता महिला और बाल (West Bengal Criminal Law Amendment) Bill 2024, ममता सरकार का एक बड़ा कदम है। इस बिल में बलात्कार के दोषियों को दस दिनों के भीतर फांसी की सजा देने का प्रावधान किया गया है। साथ ही, इसमें प्रारंभिक जांच रिपोर्ट 21 दिनों में प्रस्तुत करने, जिला स्तर पर टास्क फोर्स गठित करने और सुनवाई को समय पर पूरा करने का प्रावधान भी है।

बंगाल में महिला सुरक्षा पर बड़ा कदम
बंगाल में महिला सुरक्षा (Women's Safety in Bengal) को लेकर बढ़ते अपराधों को देखते हुए, ममता सरकार ने इस एंटी-रेप बिल को पेश किया है। बंगाल विधानसभा के इस विशेष सत्र का आज अंतिम दिन है, और इस बिल के माध्यम से राज्य सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। विधानसभा में इस पर चर्चा के बाद इसे कानून का रूप दिया जा सकता है।

5379487