Bengaluru Aero India Show: बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया-2025-शो के तीसरे दिन बुधवार (12 फरवरी) को आधुनिक लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों की ताकत देखने को मिली। इस दौरान भारतीय वायुसेना की उन्नत तकनीक पर आधारित एडवांस फाइटर्स के प्रदर्शन ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) आकर्षण का केंद्र रहा। यह एयरक्राफ्ट 50 हजार की फीट ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है। HAL का लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर (LUH) भी आकर्षण का केंद्र रहा। जर्मनी और अमेरिका के एडवांस फाइटर्स ने भी उड़ान भरी।
#WATCH कर्नाटक: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयरो इंडिया 2025 के मौके पर विभिन्न देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठक की।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 12, 2025
बैठक में जिम्बाब्वे के रक्षा मंत्री ओप्पा मुचिंगुरी काशिरी, यमन के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल मोहसेन मोहम्मद हुसैन अल-दैरी, इथियोपिया की रक्षा… pic.twitter.com/h3UtmpEUXK
रक्षा मंत्रियों संग द्विपक्षीय बैठक
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान विभिन्न देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक में जिम्बाब्वे के रक्षा मंत्री ओप्पा मुचिंगुरी काशिरी, यमन के रक्षामंत्री लेफ्टिनेंट जनरल मोहसेन मोहम्मद हुसैन अल-दैरी, इथियोपिया की रक्षामंत्री आयशा मोहम्मद, गाम्बिया के रक्षामंत्री सेरिंग मोडौ न्जी और गैबॉन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री ब्रिगिट ओनकानोवा मौजूद रहे।
भारत के स्वदेशी विमान और उनकी खूबियां
डोर्नियर 228
- प्रौद्योगिकी: जर्मन टेक्नोलॉजी पर आधारित
- खासियत: यह विमान छोटे रनवे से टेक-ऑफ और लैंडिंग करने में सक्षम है, जिससे सीमित सुविधाओं वाले क्षेत्रों में भी परिचालन संभव हो सकेगा।
C295 MW
- उड़ान क्षमता: 30,000 फीट ऊंचाई तक उड़ान
- रेंज: 5,750 किमी तक का विस्तार
- विशेष: लंबी दूरी की उड़ानों के लिए आदर्श, जिससे सामरिक और आपदा प्रबंधन अभियानों में मदद मिलेगी।
AWACS EMB-145
- निर्माण: DRDO द्वारा विकसित
- ऊंचाई: 35,000 फीट तक उड़ान भरने में सक्षम
- उद्देश्य: एयर वार्निंग और नियंत्रण के लिए इस विमान को विकसित किया गया है, जिससे सुरक्षा निगरानी में सुधार होगा।
HANSA-3 (NG)
- प्रमुख विशेषता: देश का पहला ऑल-कम्पोजिट ट्रेनर एयरक्राफ्ट
- उड़ान ऊंचाई: 10,000 फीट तक
- लाभ: आधुनिक निर्माण तकनीक के साथ प्रशिक्षु पायलटों को बेहतरीन प्रशिक्षण देने में सहायक।
LCH 'प्रचंड'
- विवरण: HAL द्वारा विकसित स्वदेशी अटैक हेलिकॉप्टर
- खासियत: उच्च ऊंचाई पर ऑपरेशन करने में सक्षम, जिससे पहाड़ी इलाकों में भी प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
LUH (लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर)
- उद्देश्य: बहुउद्देश्यीय मिशन के लिए हल्का हेलीकॉप्टर
- प्रयोग: नागरिक आपदा प्रबंधन, सैन्य निगरानी तथा अन्य क्षेत्रों में बहुआयामी उपयोग।
रूसी और अन्य देशों के लड़ाकू विमानों की ताकत
SU-57E
- देश: रूस
- विशेषता: अत्याधुनिक स्टेल्थ तकनीक से लैस
- क्षमताएँ: 4,000 किमी की रेंज और 34,000 फीट ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।
मिग-29K
- उपयोग: एयरक्राफ्ट कैरियर से ऑपरेटेड ऑल-वेदर फाइटर
- उड़ान ऊंचाई: 53,000 फीट तक
- लाभ: समुद्री ऑपरेशनों के लिए उपयुक्त, जिससे समुद्री क्षेत्र में प्रभुत्व सुनिश्चित हो।
फ्रांसीसी राफेल
- भूमिका: भारतीय वायुसेना का 5वीं पीढ़ी का मल्टीरोल फाइटर जेट
- खासियत: अत्याधुनिक avionics और हथियार प्रणालियों के साथ, विविध युद्ध परिस्थितियों में प्रभावी।
जगुआर दारीन-III
- मूल: ब्रिटिश
- विशेषता: गहरी घुसपैठ वाले हमलों के लिए प्रसिद्ध, जो कि रणनीतिक हमलों में महत्वपूर्ण साबित होता है।
MH-60R
- देश: अमेरिका
- क्षमताएँ: मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर, जो समुद्री, एयर और भूमि अभियानों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है।
MI-17V5
- देश: रूस
- तकनीक: उन्नत एवियोनिक्स और नाइट विजन सिस्टम के साथ लैस
- उपयोग: परिवहन, खोज-救 तथा सामरिक कार्यों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
सी किंग 42B
- रोल्स रॉयस इंजन से लैस ब्रिटिश मूल का यह हेलीकॉप्टर विविध सैन्य और नागरिक उपयोगों के लिए उपयुक्त है।