Christmas 2024: 24 दिसंबर की आधी रात के बाद से ही दुनिया भर में क्रिसमस का जश्न शुरू हो गया। चाहे भारत हो, अमेरिका, यूरोप, या मध्य पूर्व, हर जगह अलग-अलग अंदाज में क्रिसमस मनाया जा रहा है। भारत में पूर्वोत्तर से लेकर सुदूर दक्षिण के चर्च क्रिसमस पर सजे धजे नजर आए। बाजारों में चहल पहल देखी गई।चर्चों और इसके आसपास के इलाकों को रोशनी और सितारों से सजाया गया।
चर्चों में आधी रात को प्रार्थना के लिए उमड़े लोग
गोवा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु समेत कई राज्यों में विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया गया। दिल्ली के सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल और कोलकाता के पार्क स्ट्रीट में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। बाजारों में लोग गिफ्ट्स और क्रिसमस ट्री खरीदते नजर आए। देशभर के चर्चों में मध्यरात्रि की प्रार्थनाएं की गईं। केरल के तिरुवनंतपुरम में सेंट जोसेफ कैथेड्रल और राजस्थान के अजमेर में सेंट एंसलम चर्च में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। लखनऊ, विजयवाड़ा और मुंबई में भी विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन हुआ। भक्तों ने मोमबत्तियां जलाकर यीशु को याद किया।
पुरी तट पर चॉकलेट और रेत से बनी सैंटा की कलाकृति
ओडिशा के पुरी तट पर सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने चॉकलेट और रेत से सैंटा क्लॉज की कलाकृति उकेरी। 100 फीट लंबे और करीब 80 फीट चौड़ी इस कलाकृति को बनाने में 6 घंटे का समय लगा। इसे बनाने के लिए सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने करीब 550 किलोग्राम चॉकलेट का इस्तेमाल किया। इस कलाकृति के जरिए आर्टिस्ट ने दुनिया के सभी लोगों को क्रिसमस की बधाई दी।
गोवा से हिमाचल तक क्रिसमस की रौनक
गोवा के पनाजी में अवर लेडी ऑफ इमेक्युलेट कॉन्सेप्शन चर्च आकर्षण का केंद्र रहा। हिमाचल प्रदेश में शिमला का क्राइस्ट चर्च रोशनी और सजावट से सजा हुआ था। कुल्लू और मनाली में हजारों पर्यटक क्रिसमस मनाने पहुंचे। तमिलनाडु के मदुरै और चेन्नई में भी चर्चों को खूबसूरती से सजाया गया। ड्रोन से ली गई तस्वीरों में चर्चों की सजावट अद्भुत दिख रही थी।
यहां देखें, गोवा में आधी रात चर्च में हुई प्रार्थना:
बेथलहम में सादगी भरा उत्सव
गाजा-इजराइल संघर्ष के बीच इस बार बेथलहम का क्रिसमस साधारण रहा। यीशु के जन्मस्थल चर्च ऑफ द नेटिविटी में इस बार कोई खास सजावट नहीं हुई। स्काउट्स ने पारंपरिक जुलूस निकाला। जुलूस में "हम जीवन चाहते हैं, मृत्यु नहीं" जैसे संदेश लिखे बैनर शामिल थे। यह सादगी भरा आयोजन दुनिया को शांति और मानवता का संदेश देता है। बेथलहम में स्काउट्स के पारंपरिक जुलूस ने शांति का संदेश दिया। जुलूस में शामिल लोग बैनर लेकर निकले। इनमें लिखा था, "हम शांति चाहते हैं, युद्ध नहीं।" इसने गाजा-इजराइल संघर्ष के बीच शांति की उम्मीद जगाई। यह जुलूस पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचने में सफल रहा।
बंगाल और ओडिशा में विशेष आयोजन
कोलकाता में ममता बनर्जी ने मोस्ट होली रोजरी कैथेड्रल में सामूहिक प्रार्थना में भाग लिया। पुरी के बीच पर सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने चॉकलेट और रेत से सांताक्लॉज बनाए। उड़ीसा के कटक में अवर लेडी ऑफ मोस्ट होली रोजरी कैथेड्रल चर्च को शानदार तरीके से सजाया गया। भारी संख्या में लोग इस मौके पर चर्च पहुंचे और रात के बारह बजते ही प्रार्थना में शामिल हुए। मोमबत्तियां जलाई गई। लोगों ने आपस में केक बांटकर जश्न मनाया।
कहीं सादगी तो कहीं उल्लास के साथ क्रिसमस
भारत से लेकर दुनिया भर में क्रिसमस ने लोगों को एकजुट किया। यह त्योहार हर साल प्रेम और भाईचारे का संदेश देता है। बाजारों की रौनक और चर्चों की सजावट ने इस साल भी त्योहार को जीवंत किया। इस साल के क्रिसमस में सादगी और उत्साह का अनोखा संतुलन रहा। भारत में जहां रोशनी और सजावट छाई रही, वहीं बेथलहम में सादगी के साथ यीशु के जन्म को याद किया गया। इसने दुनिया को शांति और मानवता का नया संदेश दिया।