Cyclone Dana Landfall Odisha:चक्रवात 'दाना' ने ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में चिंता बढ़ा दी है। पारादीप, धामरा और गोपालपुर बंदरगाहों पर सबसे बड़े खतरे का संकेत 'सिग्नल 10' जारी किया गया है। भारी बारिश और तेज हवाओं के चलते गुरुवार को इन बंदरगाहों की गतिविधियां लगभग ठप हो गईं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने जानकारी दी कि चक्रवात डाना के शुक्रवार तड़के तट पर पहुंचने की संभावना है।

पारादीप बंदरगाह पर सन्नाटा
पारादीप बंदरगाह पर गुरुवार से ही भारी बारिश और तेज हवाओं ने दस्तक दे दी थी। बुधवार रात से ही 51 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि चादबाली में 39 मिमी बारिश हुई। इन हालातों को देखते हुए पारादीप बंदरगाह पर सभी संचालन बंद कर दिए गए हैं। क्षेत्र में बने बादल और हवाओं की तीव्रता ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है।

धामरा और गोपालपुर बंदरगाहों पर भी अलर्ट
IMD के मुताबिक, धामरा और गोपालपुर बंदरगाहों पर भी खतरे का संकेत 'सिग्नल 10' और 'सिग्नल 8' जारी किया गया है। सिग्नल 10 का मतलब है कि 89 किमी प्रति घंटे से तेज हवाएं जल्द ही क्षेत्र में दस्तक देंगी, जबकि सिग्नल 8 का संकेत 63-87 किमी प्रति घंटे की हवाओं का है। दोनों बंदरगाहों पर भी संचालन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है ताकि किसी तरह की अनहोनी से बचा जा सके।

चक्रवात के बीच ऊंची लहरों की चेतावनी 
IMD ने चक्रवात डाना के तट पर पहुंचने के दौरान 0.5 से 2 मीटर तक ऊंची लहरें उठने की चेतावनी दी है। धामरा क्षेत्र पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ने की आशंका है, क्योंकि यह चक्रवात की सीधी राह में है। ओडिशा के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने बताया कि धामरा क्षेत्र में भारी तबाही की आशंका है और वहां लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

धामरा क्षेत्र में कड़ी निगरानी
मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने बताया कि चक्रवात के कारण धामरा क्षेत्र पूरी तरह से खतरे के दायरे में आ चुका है। यहां की स्थिति बेहद गंभीर है, इसलिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जारी है। सूरज ने बताया कि वे रात में धामरा में ही रुकेंगे और राहत कार्यों का जायजा लेते रहेंगे।

चक्रवात के केंद्र में होगा धामरा 
चक्रवात डाना की आंख (Cyclone Eye) धामरा क्षेत्र के ऊपर से गुजरने की संभावना है। इसका मतलब है कि इस क्षेत्र को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है। IMD ने गुरुवार को जारी विशेष बुलेटिन में बताया कि यह चक्रवात अब गंभीर रूप से तेज हो गया है और यह बंगाल की खाड़ी के मध्य और उत्तर-पश्चिमी हिस्से में करीब 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।