Doordarshan Unveils Saffron Logo: देश की अदालतों, एजेंसियों के बाद अब दूरदर्शन विपक्ष के निशाने पर आ गया है। इसकी वजह उसका ऐतिहासिक लोगो है। पब्लिक ब्रॉडकास्टर दूरदर्शन ने अपने लोगों का रंग लाल से बदलकर केसरिया (भगवा या नारंगी) कर दिया है।
इस संबंध में दूरदर्शन के अंग्रेजी समाचार चैनल डीडी न्यूज ने हाल ही में एक्स पर एक नया प्रमोशनल वीडियो साझा करते हुए लोगो का खुलासा किया। डीडी न्यूज ने एक पोस्ट में लिखा कि सिर्फ लोगो का रंग बदला है, हालांकि हमारे मूल्य वही हैं। हम अब एक नए अवतार में उपलब्ध हैं। एक ऐसी समचार यात्रा के लिए हो जाइए तैयार जो पहले कभी नहीं देखी गई...बिल्कुल नए डीडी न्यूज का अनुभव करें। हालांकि विपक्ष को यह बदलाव रास नहीं आया है।
While our values remain the same, we are now available in a new avatar. Get ready for a news journey like never before.. Experience the all-new DD News!
— DD News (@DDNewslive) April 16, 2024
We have the courage to put:
Accuracy over speed
Facts over claims
Truth over sensationalism
Because if it is on DD News, it… pic.twitter.com/YH230pGBKs
लोगो का भगवाकरण देखकर दुख हुआ
दूरदर्शन ने अपना नया लोगो ऐसे समय बदला है, जब देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। इसलिए उसे आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और प्रसार प्रभारी यानी दूरदर्शन और एआईआर के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार ने भी लोगो में बदलाव की आलोचना की। उन्होंने कहा कि चुनाव से ठीक पहले दूरदर्शन के लोगो का भगवाकरण देखकर दुख होता है।
उन्होंने एक वीडियो पोस्ट में कहा कि राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन ने अपने ऐतिहासिक फ्लैगशिप लोगो को भगवा रंग में रंग दिया है। इसके पूर्व सीईओ के रूप में, मैं इसके भगवाकरण को चिंता के साथ देख रहा हूं और महसूस कर रहा हूं- यह अब प्रसार भारती नहीं है - यह प्रचार भारती है।
Doordarshan Logo Returns Back To Saffron pic.twitter.com/qkdeZvK40C
— Amitabh Chaudhary (@MithilaWaala) April 20, 2024
पूर्व सीईओ ने बताया आचार संहिता का उल्लंघन
जवाहर सरकार ने 2012 से 2016 तक दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो की देखरेख करने वाली वैधानिक संस्था प्रसार भारती के सीईओ के रूप में कार्य किया था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रसारक ने अपनी ब्रांडिंग के लिए भगवा रंग चुना है, यह देखना काफी अनुचित। उन्होंने इस कदम को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन भी बताया।
As ex CEO of Prasar Bharati it hurts to see the saffronisation of Doordarshan’s logo
— Jawhar Sircar (@jawharsircar) April 20, 2024
— just before elections!
It will influence voters, by overlaying the colour one religion and Sangh parivar colour with a ‘neutral’ Public Broadcaster and a biassed Govt/Regime! pic.twitter.com/g7m0PH9nMf
मनीष प्रसाद ने कहा- यह संस्थान पर कब्जा करने जैसा
2012 से 2014 तक केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री रहे कांग्रेस नेता मनीष प्रसाद ने आरोप लगाया कि दूरदर्शन के लोगो का रंग बदलना सरकारी संस्थानों पर कब्जा करने का सरकार का प्रयास है। इस कदम से भारत के पब्लिक ब्रॉडकास्टर की तटस्थता और विश्वसनीयता कमजोर होती है।
केशव मौर्या ने किया पलटवार
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि भगवान से इतनी नफरत है इन लोगों को। भगवा रंग का आनंद ये लोग नहीं ले सकते हैं। ये लोग सिर्फ तुष्टिकरण करने वाले लोग हैं। वहीं आंध्र प्रदेश के भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा कि दूरदर्शन जब 1959 में लॉन्च किया गया तो उसके लोगो का रंग भगवा था। सरकार ने अपने मूल लोगो का रंग अपनाया है। कांग्रेस और लिबरल्स इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि उन्हें भगवा और हिंदुओं के प्रति घृणा है।
लोगो का रंग नारंगी न कि भगवा
हालांकि, प्रसार भारती के वर्तमान बॉस गौरव द्विवेदी जवाहर सरकार से असहमत हैं। द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए गौरव द्विवेदी ने कहा कि चमकीले, आकर्षक रंग का उपयोग चैनल की ब्रांडिंग और दृश्य सौंदर्य पर आधारित है। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ लोगो ही नहीं, चैनल ने नई लाइटिंग और उपकरणों सहित अपने लुक और फील को भी अपग्रेड किया है।
गौरव द्विवेदी ने कहा कि नारंगी रंग का नया लोगो देखने में काफी आकर्षक है। यह बदलाव विजुअल एस्थेटिक को ध्यान में रखकर किया गया है। लोगो का रंग नारंगी है न कि भगवा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग इस बारे में अनर्गल टिप्पणी कर रहे हैं। बदलाव का काम पिछले 8 महीने से चल रहा था।
क्या पहले भी हुए बदलाव?
जी हां, दूरदर्शन ने अपने लोगों के रंग में कई बार बदलाव किया है। कभी यह नीला रंग का था तो कभी पीला और लाल। हालांकि लोगो में कोई बदलाव नहीं किया गया है। दो पंखुड़ियों के बीच में ग्लोब पहले की तरह बने हुए हैं।