DRDO Bulletproof Jacket: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने देश की सबसे हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट बनाई है। यह खतरे के उच्चतम स्तर 6 को भी झेल सकती है। रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी शेयर की है। इसे पॉलिमिर बैकिंग और मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से तैयार की गई है। इस जैकेट को स्नाइपर की 6 गोलियां भी भेद नहीं सकीं। इसे कानपुर में बनाया गया है।
कानपुर में निर्माण, चंडीगढ़ में हुई टेस्टिंग
रक्षा मंत्रालय ने कहा कहा कि कानपुर में मौजूद डीआरडीओ के रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (DMSRDE) ने बुलेटप्रूफ जैकेट को तैयार किया है। जैकेट का इन-कंजक्शन और स्टैंडअलोन डिजाइन सैनिकों को 7.62 x 54 RAPI(BIS 17051 के लेवल 6) गोला-बारूद से सुरक्षा मिलेगी। इस बुलेटप्रूफ जैकेट का बीआईएस 17051-2018 के अनुसार टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी (टीबीआरएल), चंडीगढ़ में टेस्ट किया गया।
DMSRDE, Kanpur has successfully developed indigenous light weight Bullet Proof Jacket( BPJ) for protection against highest threat level 6 of BIS. This is the first of its kind in monolithic ceramic which can stop 6 7.62x54 API bullets@DefenceMinIndia @SpokespersonMoD pic.twitter.com/v8O43kf8hC
— DRDO (@DRDO_India) April 23, 2024
किन चीजों से बनी है लोहालाट जैकेट?
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस जैकेट का निर्माण एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन किया गया है। यह फ्रंट एचएपी पॉलिमर बैकिंग के साथ मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से बनी है। हल्की होने के कारण इसे ऑपरेशन के दौरान पहनना आसान और आरामदायक है। ICW हार्ड आर्मर पैनल (HAP) की एरियल डेंसिटी 40 kg/m2 और और स्टैंडअलोन HAP की एरियल डेंसिटी 43 kg/m2 से कम है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष ने देश की सबसे हल्के बुलेट प्रूफ जैकेट को बनाने के लिए डीएमएसआरडीई को बधाई दी है। वहीं, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि देश युद्ध में जाने से नहीं हिचकेगा। राष्ट्र की सुरक्षा को न तो आउट सोर्स किया जा सकता है न ही दूसरों की उदारता पर निर्भर किया जा सकता है।