ED Raid in Jharkhand: लोकसभा चुनाव के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के रांची में बड़ी कार्रवाई की है। झारखंड के टेंडर घोटाले और मनी लॉड्रिंग को लेकर ईडी ने छह जगहों पर छापेमारी की। झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पसर्नल सेक्रेट्री संजीव लाल के नौकर समेत वीरेंद्र राम के करीबियों के ठिकानों पर दबिश दी। छापेमारी में ईडी की टीम को कमरे में नोटों का अंबार मिला।
ईडी की टीम झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पर्सनल सेक्रेटरी के घरेलू नौकर संजीव लाल के घर पर पहुंची। यहां कमर में नोटों का ढेर देखकर अफसर दंग रह गए। सुबह 9:30 बजे तक 30 करोड़ रुपये से अधिक की गिनती हो चुकी थी। गिनती अभी भी जारी है। ईडी की टीम सेल सिटी समेत कई ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। बता दें कि टेंडर कमीशन घोटाले के मामले में मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम को निलंबित किया जा चुका है। इसी मामले में ईडी ने जांच को आगे बढ़ाते हुए अब उसके सहयोगियों के ठिकानों पर छापा मारा है।
#WATCH | The Enforcement Directorate is conducting raids at multiple locations in Ranchi. Huge amount of cash recovered from household help of Sanjiv Lal - PS to Jharkhand Rural Development minister Alamgir Alam, in Virendra Ram case.
— ANI (@ANI) May 6, 2024
ED arrested Virendra K. Ram, the chief… pic.twitter.com/VTpUKBOPE7
मंत्री के सहयोगी से नकदी जब्त
एएनआई के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय ने रांची में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल के नौकर से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई। झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम पर ईडी ने फरवरी 2023 में योजना कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मामला दर्ज किया था। इसके बाद वीरेंद्र राम को गिरफ्तार कर लिया गया था।
पिछले साल हुई थी गिरफ्तारी
वीरेंद्र राम को टेंडर में कमीशन घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 22 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। इससे पहले 21 फरवरी 2023 को ईडी ने वीरेंद्र से जुड़े 24 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इन छापों के दौरान करीब 1.5 करोड़ रुपये के गहने और देशभर में महत्वपूर्ण निवेश से जुड़े दस्तावेज मिले थे। ईडी के आरोप पत्र में निविदाओं को किस प्रकार मैनेज कर अवैध ढंग से कमाई की जाती थी, इसका पूरा विवरण दिया गया है। इसमें यह भी बताया गया है कि घोटाले की रकम में से किस शख्स को कितना हिस्सा दिया जाता था।
इकबालिया बयान और जांच
वीरेंद्र राम ने आयकर रिटर्न में गलत जानकारी देने की बात ईडी के सामने कबूल कर ली है। जांच से पता चला कि 2014-15 और 2018-19 के बीच वीरेंद्र राम के खाते में 9.30 करोड़ रुपए थे। साथ ही दिसंबर 2022 से जनवरी 2023 के बीच उनके खाते में 4.50 करोड़ रुपए थे जो उनकी जीवन भर की कमाई से अधिक थी। वह अक्सर अपने चचेरे भाई आलोक रंजन के साथ बड़ी रकम लेकर दिल्ली जाता था, जिसे सीए मुकेश मित्तल को सौंप दिया जाता था। ईडी पहले ही राम की करोड़ों की संपत्ति जब्त कर चुकी है।
30 करोड़ रुपए से अधिक और काउंटिंग जारी… आज ED की कार्रवाई में कॉंग्रेस विधायक दल के नेता व झारखंड सरकार के भ्रष्टाचार शिरोमणि हेमंत सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के पर्सनल सेक्रेट्री संजीव लाल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई...संजीव लाल के आवास पर @dir_ed को मिला 30 करोड़ से अधिक कैश ।… pic.twitter.com/xuJVNRLQzJ
— Dr Nishikant Dubey(Modi Ka Parivar) (@nishikant_dubey) May 6, 2024
बीजेपी सांसद ने कसा तंज
ईडी को संदेह है कि सस्पेंड होने के बावजूद वीरेंद्र राम टेंडर रैकेट में शामिल था। गोड्डा लोकसभा सीट से सांसद निशिकांत दुबे ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कांग्रेस की आलोचना की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर निशिकांत दुबे ने लिखा कि- 30 करोड़ रुपए से अधिक मिल चुके हैं और काउंटिंग अब भी जारी है। आज ED ने कांग्रेस विधायक दल के नेता और झारखंड सरकार के भ्रष्टाचार शिरोमणि हेमंत सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के पर्सनल सेक्रेट्री संजीव लाल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। संजीव लाल के घर से ईडी को 30 करोड़ से अधिक कैश मिला है। यह प्रदीप यादव के पार्टी की कहानी है।"