Gurpatwant Pannun Murder Plot: अमेरिकी धरती पर सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नून को मारने की नाकाम साजिश में शामिल होने के शक में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य से अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया है। फेडरल प्रिजन ब्यूरो की वेबसाइट और मुद्दे से परिचित सूत्र ने बताया कि अमेरिकी फेडरल प्रोसिक्यूटर्स ने निखिल गुप्ता पर भारत सरकार के एक अधिकारी के साथ मिलकर अमेरिकी नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नून को मारने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। 

चेक कोर्ट ने निखिल की याचिका ठुकराई थी 

  • बता दें कि गुप्ता पिछले साल जून में भारत से प्राग पहुंचा था और चेक रिपब्लिक के अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पिछले महीने एक चेक कोर्ट ने अमेरिका प्रत्यर्पण से बचने की उसकी याचिका खारिज कर दी थी, जिससे चेक सरकार के लिए निखिल के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया।
  • ब्यूरो ऑफ प्रिज़न की वेबसाइट पर नाम से कैदी की खोज करने पर रविवार को सामने आया कि 52 वर्षीय निखिल गुप्ता को मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर, ब्रुकलिन में रखा जा रहा है। पहचान गुप्त रखने की शर्त पर एक सूत्र ने गुप्ता के प्रत्यर्पण और ब्रुकलिन में उसकी हिरासत की अलग से पुष्टि की।

भारत सरकार ने साजिशों में शामिल होने से किया है इनकार
दूसरी ओर, अमेरिकी न्याय विभाग के प्रवक्ता ने इस मामले पर कमेंट करने से इनकार कर दिया। अमेरिका में निखिल गुप्ता के वकील, अटॉर्नी जेफरी चाब्रोवे ने तुरंत कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। वहीं, चेक अधिकारियों की ओर से भी कोई टिप्पणी नहीं आई है। अमेरिका और कनाडा में सिख अलगाववादियों के खिलाफ हत्या की साजिशों की जांच में भारत के साथ रिश्तों की परीक्षा हुई है। जिसे पश्चिमी देशों ने चीन के बढ़ते वैश्विक प्रभाव के जवाब के रूप में देखा है। हर मौके पर भारत सरकार ने इन साजिशों में शामिल होने से इनकार किया है।

कनाडा और अमेरिकी सरकार ने भारत पर लगाए हैं आरोप

  • कनाडा ने भी सितंबर में आरोप लगाया था कि उसकी खुफिया एजेंसियों ने ​​जून 2023 में सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़े अहम सबूत जुटाए हैं। जिनमें भारत सरकार के अफसर का निज्जर की हत्या में शामिल होने के दावा किया गया है। हालांकि, एक साल से ज्यादा समय गुजरने के बाद भी कनाडा सरकार आरोपों से जुड़े सबूत भारत को नहीं सौंप सकी है। 
  • वहीं, नवंबर में अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि भारत सरकार के एक अधिकारी ने पन्नुन की हत्या की कोशिश साजिश रची थी, जो एक अमेरिकी और कनाडाई नागरिक है। निखिल गुप्ता पर साजिश में शामिल होने का आरोप है। 

खालिस्तानी पन्नू बोला- भारत सरकार ने गुप्ता को नौकरी पर रखा
पन्नुन ने रविवार को रॉयटर्स से कहा कि प्रत्यर्पण एक स्वागत योग्य कदम है। निखिल गुप्ता सिर्फ एक पैदल सैनिक है। खालिस्तान समर्थक पन्नू ने आरोप लगाया है कि गुप्ता को नौकरी पर रखने वाले भारत सरकार के सीनियर मेंबर थे, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर काम करते हैं। दूसरी ओर, भारत सरकार ने पन्नून के खिलाफ साजिश से खुद को अलग रखा है। सरकार ने कहा कि यह सरकारी नीति के खिलाफ है। हम वाशिंगटन द्वारा उठाई गई सुरक्षा चिंताओं की औपचारिक रूप से जांच करेंगे।