Cash for Votes Row: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वोटिंग से एक दिन पहले मतदाताओं को पैसे बांटने का मामला शुक्रवार को कानूनी लड़ाई तक पहुंच गया। बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े ने 5 करोड़ के कैश फॉर वोट्स विवाद में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत को ₹100 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा है। तावड़े के वकील ने कांग्रेस नेताओं से 24 घंटे में बिना शर्त माफी की मांग की है।
पालघर जिले के एक होटल में हुआ था हंगामा
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए तावड़े के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। वोटिंग से एक दिन पहले दावा किया गया कि पालघर जिले में स्थित एक होटल में बीजेपी नेता तावड़े पैसे बांट रहे थे। इसे लेकर बहुजन विकास अघाड़ी (BVA) के नेताओं ने कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए हंगामा किया था।
राहुल ने पूछा था- मोदीजी ये 5 करोड़ किसके SAFE से आए?
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने नोट के बदले वोट मामले पर कहा था- 'मोदीजी, ये ₹5 करोड़ किसके SAFE से आए? जिसने जनता के पैसे लूटे और आपको टेम्पो में भरकर भेज दिए।' वहीं, मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी पीएम मोदी पर आरोप लगाया कि वह महाराष्ट्र में पैसे और ताकत का इस्तेमाल करके राज्य को "SAFE" रखने का दावा करते हैं, जबकि उनकी पार्टी का एक नेता ₹5 करोड़ के साथ रंगे हाथ पकड़ा गया। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी मतदाताओं को पैसे बांटने के आरोप में बीजेपी को जमकर घेरा था।
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BVA का आरोप और होटल के वीडियो
बहुजन विकास अघाड़ी के नेता हितेंद्र ठाकुर ने आरोप लगाया कि तावड़े ने पालघर जिले के एक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए ₹5 करोड़ बांटे थे। उन्होंने एक वीडियो भी पेश किया, जिसमें तावड़े और BVA कार्यकर्ताओं के बीच विवाद हो रहा था। ठाकुर ने दावा किया कि तावड़े जिस होटल में ठहरे थे, वहां सीसीटीवी रिकॉर्डिंग को पहले बंद कर दिया गया था और बाद में उन्होंने इसे केवल तब एक्टिव किया, जब उन्होंने इसकी मांग की। ठाकुर ने कहा, "होटल प्रशासन तावड़े और बीजेपी के साथ मिलकर काम कर रहा था। वह पैसे बांटने के लिए होटल में रुके थे।"
विनोद तावड़े ने किया था अपना बचाव
बीजेपी नेता तावड़े ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा था कि वह नालासोपारा के विधायकों से मिलने गए थे, जहां वे उन्हें मतदान प्रक्रिया और आचार संहिता के बारे में जानकारी दे रहे थे। उन्होंने कहा कि BVA के कार्यकर्ताओं को गलतफहमी हुई थी। तावड़े ने कहा- 'मैं 40 साल से बीजेपी में हूं। अगर कोई शिकायत है, तो चुनाव आयोग और पुलिस इसकी निष्पक्ष जांच करें। मुझे पूरा यकीन है कि उनकी जांच से मेरी बेगुनाही साबित होगी।' साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेताओं से बिना शर्त माफी की मांग की थी।
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कैश-फॉर-वोट्स विवाद की शुरुआत
19 नवंबर को महाराष्ट्र में चुनाव से एक दिन पहले BVA के नेताओं ने विनोद तावड़े पर आरोप लगाया था कि वह पालघर जिले के एक होटल में ₹5 करोड़ बांटने के लिए आए थे ताकि वह मतदाताओं को प्रभावित कर सकें। इस विवाद ने महाराष्ट्र के चुनावी माहौल को और गर्म कर दिया, जहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति उत्पन्न हो गई। दूसरी ओर, कैश फॉर वोट विवाद ने चुनाव आयोग और पुलिस की भूमिका को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।