Vijay Wadettiwar on Hemant Karkare: देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे फेज की वोटिंग से पहले प्रचार अभियान तेज है, वहीं विस्फोटक दावे भी खूब हो रहे हैं। इसी कड़ी में महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष से कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने एक ऐसा बयान दिया कि देश की सियासत में हंगामा मच गया है।

विजय वडेट्टीवार ने दावा किया कि आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) के पूर्व प्रमुख आईपीएस हेमंत करकरे को 2008 के मुंबई हमले के दौरान पाकिस्तनी आतंकी अजमल कसाब ने गोली नहीं मारा था। उन्होंने कहा कि आईपीएस करकरे की जान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के समर्पित और समर्थित अधिकारी के हथियार से चली गोली से गई थी।

उज्जवल निकम को बताया राष्ट्र विरोधी
विजय वडेट्टीवार ने आईपीएस हेमंत करकरे का जिक्र करते हुए मशहूर वकील और महायुति के मुंबई उत्तर मध्य सीट के उम्मीदवार उज्ज्वल निकम को 'राष्ट्र-विरोधी' करार दिया। वडेट्टीवार ने निकम पर 26/11 के आतंकवादी हमले के दौरान महाराष्ट्र के पूर्व एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे की मौत के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि करकरे की मौत अजमल कसाब की गोली से नहीं बल्कि आरएसएस से जुड़े एक पुलिसकर्मी की गोली से हुई थी।

निकम ने बिरयानी का मुद्दा उठाकर कांग्रेस को बदनाम किया
विजय ने कहा कि उज्जवल निकम ने बिरयानी का मुद्दा उठाकर कांग्रेस को बदनाम किया। क्या कोई कसाब को बिरयानी देगा? बाद में उज्जवल निकम ने इसे स्वीकार कर लिया। वडेट्टीवार ने सवाल उठाते हुए कहा कि कैसा वकील है? गद्दार है, जिसने कोर्ट में गवाही ही नहीं दी। अगर कोर्ट से यह सच छुपाने वाले गद्दार को भाजपा टिकट दे रही है तो सवाल उठता है कि भाजपा इन गद्दारों का समर्थन क्यों कर रही है। 

वडेट्टीवार की विस्फोटक बयानबाजी कथित तौर पर सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी एसएम मुशरिफ की पुस्तक 'हू किल्ड करकरे' में किए गए दावों पर आधारित हैं। हालांकि, मामला तूल पकड़ने के बाद उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। फिर भी वडेट्टीवार अपनी बात पर कायम हैं। 

विजय वडेट्टीवार ने दी सफाई, अपने बयान पर कायम
विजय वडेट्टीवार ने अपने बयान पर सफाई दी और कहा कि वे मेरे शब्द नहीं हैं। मैंने सिर्फ वही कहा है जो मुशरिफ की किताब में है। किताब में पूरी जानकारी है। जिस गोली से हेमंत करकरे की मौत हुई है, वह आतंकियों की गोली नहीं थी। यह बात उज्जवल निकम सामने क्यों नहीं लाए? अजमल कसाब को फांसी देने की कोई बड़ी बात नहीं है, कोई भी सामान्य वकील और बेलआउट करने वाला वकील भी यह काम कर सकता था। 

शिवसेना ने कहा- माफी मांगे कांग्रेस
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना ने वडेट्टीवार पर पलटवार किया है। शिवसेना ने वडेट्टीवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा हिरासत में लेने और मुकदमे के बाद मारे गए आतंकवादी अजमल कसाब का कथित तौर पर बचाव करने के लिए जांच करने की मांग की और कांग्रेस पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया।

शिवसेना सचिव और प्रवक्ता किरण पावस्कर ने वडेट्टीवार के बयानों की निंदा करते हुए उन्हें 26/11 हमले के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुर पुलिसकर्मियों के प्रति अपमानजनक बताया। पावस्कर ने कांग्रेस पर आतंकवाद को रोकने के बजाय उसे बढ़ावा देने का आरोप लगाया और आरोप लगाया कि वडेट्टीवार की टिप्पणी पार्टी के ट्रैक रिकॉर्ड को बयां करती है। उन्होंने वडेट्टीवार से माफी की मांग की है। 

भाजपा ने कहा- इसीलिए शहजादे के लिए दुआएं मांगी जा रही
भाजपा के महासचिव विनोद तावड़े ने कहा कि कांग्रेस अपने खास वोट बैंक को खुश करने के लिए किसी भी हद तक गिर सकती है। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने मुंबई हमले के आतंकियों को क्लीनचिट देकर यह साबित कर दिया है। क्या आतंकियों का पक्ष लेते समय कांग्रेस को थोड़ी भी शर्म नहीं आई। आज पूरे देश को पता चल गया है कि क्यों कांग्रेस के शहजादे के लिए पाकिस्तान में दुआएं मांगी जा रही हैं।