ISRO Spadex Handshake: ISRO का स्पेसडेक्स मिशन एक नई उपलब्धि के बेहद करीब है। मिशन तहत रविवार (13 जनवरी) की सुबह दो सैटेलाइट्स ने स्पेस डॉकिंग का ट्रायल किया। ISRO ने जानकारी दी कि मिशन के दो सैटेलाइट, एसडीएक्स01 (SDX01) और एसडीएक्स02 (SDX02) पहले 15 मीटर पर पहुंचे, इसके बाद 3 मीटर करीब पहुंचकर दूर हुआ। ISRO ने कहा कि दोनो सैटेलाइट की स्पेस डॉकिंग डेटा की एनालिसिस के बाद किया जाएगा। हालांकि, स्पेस डॉकिंग कब होगा, इसकी तारीख अभी नहीं बताई गई है।
आगे की प्रक्रियाओं में जुटा ISRO
ISRO ने अपने ऑफिशयल सोशल मीडिया अकाउंट से इस मिशन की नई जानकारी साझा की। मिशन का मकसद स्पेस डॉकिंग टेक्निक करना है। अगर यह सफल होता है, तो भारत इस टेक्नोलॉजी को हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। फिलहाल स्पेस डॉकिं के सफल ट्रायल के बाद दोनों सैटेलाइट्स स्पेस में सुरक्षित जगहों पर ले जाए गए हैं। अब आगे के प्राेसेस के लिए इसरो ग्राउंड स्टेशन से कोऑर्डिनेट करेगा। इन ग्राउंड स्टेशन से मिले सिग्नल के आधार पर स्पेस डॉकिंग कराई जाएगी।
SpaDeX Docking Update:
— ISRO (@isro) January 12, 2025
A trial attempt to reach up to 15 m and further to 3 m is done.
Moving back spacecrafts to safe distance
The docking process will be done after analysing data further.
Stay tuned for updates.#SpaDeX #ISRO
सैटेलाइट्स ने ली एक-दूसरे की तस्वीरें
दोनों सैटेलाइट्स ने रविवार की सुबह 15 मीटर की दूरी पर एक-दूसरे की तस्वीरें और वीडियो कैप्चर किए। ISRO ने कहा, "हम एक-दूसरे को और साफ देख पा रहे हैं। अब हम 50 फीट की दूरी पर हैं।" इन तस्वीरों में दोनों सैटेलाइट को साफ देखा जा सकता है। ISRO ने इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए एक बड़ी उपलब्धि करार दिया है। इसरो ने कहा है कि इस मिशन से भारत अंतरिक्ष में अपनी क्षमताओं को और मजबूत करेगा।
SpaDeX Docking Update:
— ISRO (@isro) January 12, 2025
SpaDeX satellites holding position at 15m, capturing stunning photos and videos of each other! 🛰️🛰️
#SPADEX #ISRO pic.twitter.com/RICiEVP6qB
दो बार स्थगित हो चुका है यह मिशन
स्पेसडेक्स मिशन को पहले दो बार स्थगित किया गया। पहली बार इसे 7 जनवरी को आयोजित किया जाना था। फिर इसे 9 जनवरी को पुनः शेड्यूल किया गया। ISRO ने बताया कि 8 जनवरी को दोनों उपग्रहों के बीच 225 मीटर की दूरी पर अधिक ड्रिफ्ट पाया गया। इससे मिशन में देरी हुई। लेकिन वैज्ञानिकों ने इस चुनौती को पार करते हुए मिशन को फिर से ट्रैक पर लाया।
PSLV C60 का अहम योगदान
स्पेसडेक्स मिशन के लिए PSLV C60 रॉकेट ने अहम भूमिका निभाई है। इसने 30 दिसंबर को श्रीहरिकोटा से दोनों सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक ऑर्बिट में स्थापित किया। दोनों सैटेलाइट का वजन 220 किलोग्राम है। सैटेलाइट फिलहाल 475 किलोमीटर की ऑर्बिट में स्थित हैं। PSLV C60 की सटीक लॉन्चिंग क्षमता ने मिशन को आगे बढ़ाने में बड़ी मदद की।
भारत बनेगा स्पेस डॉकिंग करने वाला चौथा देश
स्पेसडेक्स मिशन की सफलता भारत के अंतरिक्ष अभियानों के लिए नई राह खोलेगी। भारत को अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में महारत हासिल होगी। इसके साथ ही भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। इस तकनीक का इस्तेमाल गहरे अंतरिक्ष अभियानों में किया जाएगा। इसके अलावा, यह भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (Bharatiya Antariksh Station) और चंद्रमा पर इंसान को भेजने की योजना के लिए अहम साबित होगी। ISRO ने कहा है कि यह इंडियन स्पेस रिसर्च में मील का पत्थर है। यह मिशन भारत को स्पेस साइंस में नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।