ISRO XPoSAT Mission Launch Live Updates: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सोमवार, एक जनवरी को सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से एक्सरे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) को लॉन्च किया। भरोसेमंद PSLV रॉकेट सैटेलाइट को अंतरिक्ष में ले जा रहा है।सैटेलाइट को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जाएगा। यह दुनिया का पहला और देश का पहला मिशन है, जो एक्स किरणों का डेटा कलेक्ट कर ब्लैक होल और न्यूटॉन स्टार्स की स्टडी करेगा। इससे पहले नासा ने 2021 में इमेजिंग एक्सरे पोलरिमेट्री एक्सप्लोरर (IXPE) लॉन्च किया था। फिलहाल नए वर्ष 2024 के पहले दिन इसरो ने नया इतिहास रचा।
मिशन से जुड़ी बड़ी बातें
- इस मिशन की शुरुआत इसरो ने 2017 में की थी। इस पर 9.50 करोड़ खर्च आया है। लॉन्चिंग के 22 मिनट बाद सैटेलाइट अपनी निर्धारित कक्षा में तैनात हो जाएगा।
- एक्सपोसैट सैटेलाइट ब्रह्मांड के 50 सबसे ज्यादा चमकने वाले स्त्रोतों की स्टडी करेगा। इसे 650 किमी की ऊंचाई पर तैनात किया जाएगा।
- इस सैटेलाइट में दो पेलोड्स हैं। पहला पेलोड POLIX (एक्स-रे में पोलारिमीटर उपकरण) और दूसरा XSPECT (एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग) है।
- पोलिक्स 8-30 keV रेंज की एनर्जी बैंड की स्टडी करेगा। वहीं एक्सस्पेक्ट पेलोड 0.8-15 keV की रेंज में स्पेक्ट्रोस्कोपिक जानकारी देगा।
- सैटेलाइट विभिन्न खगोलीय स्रोतों जैसे ब्लैक होल, न्यूट्रॉन तारे, एक्टिव गैलेक्टिक न्यक्लियाई, पल्सर आदि की जांच करेगा। यह बेहद चुनौतीपूर्ण काम है।
- सैटेलाइट को अंतरिक्ष में PSLV रॉकेट ले जाएगा। यह उसकी 60वीं उड़ान है। इसकी लंबाई 44.4 मीटर है। वजन 469 किग्रा है। अब तक PSLV की 59 उड़ानें हो चुकी हैं। महज दो लॉन्च फेल हुए हैं।
- एक्सपोसैट मिशन का लाइफ लगभग 5 वर्ष है। उम्मीद है कि XPoSat वैश्विक स्तर पर खगोल विज्ञान समुदाय को पर्याप्त लाभ पहुंचाएगा।
- एक्सपोसैट के साथ 10 अन्य पेलोड्स की भी लॉन्चिंग की गई।
2021 में अमेरिका ने बनाया था रिकॉर्ड
अमेरिका स्थित नेशनल एयरोनॉटिक्स स्पेस एजेंसी (NASA) ने सुपरनोवा विस्फोटों के अवशेषों, ब्लैक होल द्वारा उत्सर्जित कण धाराओं और अन्य ब्रह्मांडीय घटनाओं की स्टडी के लिए दिसंबर 2021 में इमेजिंग एक्स-रे पोलारिमेट्री एक्सप्लोरर मिशन लॉन्च किया था।