Jammu-Kashmir: केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ा दी हैं। दिल्ली की तरह अब जम्मू-कश्मीर में राज्य सरकार LG की मंजूरी के बिना अफसरों की पोस्टिंग-ट्रांसफर नहीं कर सकेगी। गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 के तहत संशोधित नियमों को अधिसूचित किया है। जिसमें एलजी को अधिक शक्ति देने वाली नई धाराएं शामिल की गई हैं।
राज्य में सत्ता किसी के पास रहे, ताकतवार होंगे LG
जम्मू-कश्मीर में इसी साल सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव होने हैं। इस फैसले के बाद राज्य में सरकार किसी भी पार्टी की बने, लेकिन अहम फैसले लेने की शक्तियां LG के पास ही रहेंगी।
नए संशोधित नियमों में दो अहम पॉइंट जोड़े गए
- 42A: पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था, अखिल भारतीय सेवा और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) से जुड़े किसी भी प्रस्ताव को तब तक मंजूर या नामंजूर नहीं किया जा सकता, जब तक मुख्य सचिव के जरिए उसे उपराज्यपाल के सामने नहीं रखा जाए। अभी इनसे जुड़े मामलों में वित्त विभाग की सहमति लेना जरूरी है।
- 42B: किसी प्रकरण में केस चलाने की मंजूरी देने या ना देने और अपील अपील दायर करने के संबंध में कोई भी प्रस्ताव विधि विभाग मुख्य सचिव के जरिए उपराज्यपाल के सामने रखा जाना जरूरी होगा।
2019 में ही खत्म किया था अनुच्छेद 370
जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम (2019) संसद में 5 अगस्त 2019 को पारित किया गया था। इसमें जम्मू और कश्मीर को दो भागों में बांटकर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। पहला- जम्मू-कश्मीर और दूसरा- लद्दाख। इस अधिनियम ने अनुच्छेद 370 को भी निरस्त कर दिया, जिसने जम्मू और कश्मीर को विशिष्ट दर्जा दिया था।
आखिरी बार 2014 में चुनाव हुए थे
जम्मू-कश्मीर में विशेष दर्जा रद्द करने और 2019 में लद्दाख को अलग करने से पहले दिसंबर 2014 में आखिरी विधानसभा चुनाव हुए थे। तब महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और भाजपा की गठबंधन सरकार थी। कुल 87 सीटों में से PDP ने 28, भाजपा ने 25, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 15, कांग्रेस ने 12 और अन्य के खाते में 4 सीटें आई थीं।
हालांकि, 2018 में BJP और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की गठबंधन वाली सरकार गिर गई थी, क्योंकि BJP ने PDP से अलायंस तोड़ लिया था। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने नवंबर 2018 में राज्य विधानसभा को भंग कर दिया था। 20 दिसंबर 2018 को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।