Manipur: जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने मणिपुर प्रदेश अध्यक्ष बीरेन सिंह को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है। यह कदम तब उठाया गया जब उन्होंने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को पत्र लिखकर मणिपुर की बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की और जेडीयू के एकमात्र विधायक को विधानसभा में विपक्ष का सदस्य मानने की मांग की।

इस मामले पर जेडीयू ने दी प्रतिक्रिया
जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने एनडीएस सरकार से अलग होने की खबरों का खंडन किया और पत्र को भ्रामक और आधारहीन बताया। उन्होंने कहा कि पार्टी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और मणिपुर इकाई के अध्यक्ष को उनके पद से हटा दिया गया है। हमारी पार्टी एनडीए का समर्थन करती है और मणिपुर सरकार के प्रति हमारा समर्थन जारी रहेगा।

अनुशासनहीनता के कारण हुई कार्रवाई
पार्टी ने साफ किया कि मणिपुर इकाई ने यह कदम केंद्रीय नेतृत्व से बिना परामर्श और अनुमति के उठाया। इसे अनुशासनहीनता मानते हुए प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है।

एनडीए सरकार पर कोई असर नहीं
बता दें कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की बीजेपी सरकार के पास मणिपुर विधानसभा में 60 में से 32 सदस्यों का स्पष्ट बहुमत है। ऐसे में जेडीयू द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद भी सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, जनता दल यूनाइटेड ने आधिकारिक तौर पर साफ कर दिया कि वह भाजपा के साथ मिलकर काम करते रहेगी।

पत्र के मुख्य बिंदु
केश बिरन सिंह ने अपने पत्र में कहा कि जेडीयू ने बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया है और अब विपक्ष के इंडिया गठबंधन का हिस्सा बन गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जेडीयू के एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर को विधानसभा के पिछले सत्र में विपक्षी बेंच पर बैठाया गया था।

पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि 2022 के विधानसभा चुनावों में जेडीयू के टिकट पर जीतने वाले छह विधायकों में से पांच ने बीजेपी का दामन थाम लिया था, और इन विधायकों के खिलाफ दलबदल की प्रक्रिया अभी भी विधानसभा अध्यक्ष के पास लंबित है।