Jhansi hospital fire eyewitnesses: झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के चाइल्ड वार्ड में शुक्रवार देर रात भीषण आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई। घटना में 16 बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए। हादसे का कारण पहले शॉर्ट सर्किट बताया गया, लेकिन चश्मदीदों ने इसे लापरवाही का नतीजा बताया। माचिस की एक तीली ने पूरे वार्ड को चपेट में ले लिया। प्रशासन और सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं। चश्मदीदों का दावा है कि अगर सावधानी बरती गई होती तो यह हादसा टाला जा सकता था। यहां पढ़िए चश्मीदीदों ने क्या देखा।
चश्मदीद भगवान दास ने क्या देखा?
हमीरपुर के रहने वाले भगवान दास उस वक्त वार्ड में मौजूद थे। भगवान दास ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को जोड़ने के लिए नर्स ने माचिस की तीली जलाई। जैसे ही तीली जली, पूरे वार्ड में आग भड़क गई। भगवान दास ने तुरंत अपने गले में पड़े कपड़े से तीन-चार बच्चों को लपेटकर बाहर निकाला। इसके बाद वार्ड में अफरातफरी मच गई।
पीड़ित पिता के छलके दर्द
महोबा के रहने वाले कुलदीप, जिनके नवजात बेटे की मौत हो गई, ने बताया, 'डॉक्टरों की लापरवाही से मेरा बेटा मरा गया। आग लगते ही हम अंदर जाना चाहते थे, लेकिन गार्ड्स ने रोक दिया। कुलदीप ने कहा कि हादसे के वक्त करीब 50 बच्चे वार्ड में थे। हादसे के वक्त अस्पताज के फायर अलार्म और आग बुझाने वाले सिलेंडर काम नहीं कर रहे थे।'
झांसी की दुखद घटना में इन पर टूटा दुखों का पहाड़, चीख-पुकार से पसीज जा रहा कलेजा pic.twitter.com/o3Odi7cA8Q
— Raju Sharma (@RajuSha98211687) November 16, 2024
बुजुर्ग संतरा देवी ने बचाई बच्चे की जान
बुजुर्ग महिला संतरा देवी ने एक बच्ची को बचाया। संतरा देवी ने कहा, "मेरा पोता तो नहीं बचा, लेकिन किसी की बेटी को जरूर बचा लिया। आग लगते ही सभी लोग अपने बच्चों को लेकर भागने लगे। मैं पोते को ढूंढती रही, लेकिन वो नहीं मिला। संतरा की आंखों में आंसू नजर आ रहे थे। संतरा देवी ने कहा कि मैंने इस बच्ची को बचा लिया।
संजना ने हादसे में खोया पहला बच्चा
ललितपुर की संजना ने कहा, "मेरा बच्चा जल गया। हमने देखा नहीं, लेकिन अब वो जिंदा नहीं है। ये मेरा पहला बच्चा था।" संजना ने कहा कि हम लोग दवा लाने के लिए गए थे। इतने में आग लग गई। इसके बाद सभी बच्चों के परिजनों को अंदर जाने से रोक दिया गया। कई घंटो बाद हमें बताया गया कि हमारे बच्चे की जलकर मौत हो गई है।
#WATCH | Jhansi Medical College tragedy | Kin of a newborn who died in the fire says, " Our newborn was admitted here for one month. Yesterday there was an operation and after that, the baby was admitted there (NCIU). Around 10 pm yesterday the fire broke out, we rushed to take… pic.twitter.com/ZvXfIYq4yn
— ANI (@ANI) November 16, 2024
एक्सपायर फायर सिलेंडर ने बढ़ाई मुसीबत
अस्पताल में हादसे के वक्त मौजूद लोगों ने दावा किया कि आग बुझाने वाले सिलेंडर 2020 में एक्सपायर हो चुके थे। वार्ड में कोई फायर अलार्म भी नहीं बजा। यह लापरवाही हादसे को और गंभीर बना गई। वार्ड में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से आग तेजी से फैली। चीफ मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने कहा कि घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं।
झांसी मेडिकल कॉलेज में भीषण आग, 10 नवजात जिंदा जल pic.twitter.com/hRBb1OYPjn
— Raju Sharma (@RajuSha98211687) November 16, 2024
सरकार और प्रशासन ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जताया। मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपए और घायलों को 50,000 रुपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर शोक व्यक्त किया। मामले की विस्तृत जांच और 12 घंटे में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। तीन विभागों को अलग अलग जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
वार्ड में बचे सिर्फ राख, उठ रहे सवाल
NICU वार्ड में सबकुछ जलकर खाक हो गया। मशीनें, दीवारें, और बच्चों के कपड़े सब जल गए। हादसे के वक्त वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे। सवाल यह है कि एक मेडिकल कॉलेज में ऐसी लापरवाही क्यों हुई? क्या यह हादसा टाला जा सकता था? इस हादसे के बाद अपने बच्चों को खोने वाले परिजनों में नाराजगी है। परिजनों का कहना है कि यह हादसा सरकार की लापरवाही का नतीजा है।