Lok Sabha Election 2024: देश में लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण में 19 अप्रैल से मतदान शुरू होगा। इससे पहले आचार संहिता लागू है और चुनाव आयोग (EC) के निर्देश पर एजेंसियों और पुलिस की टीमें देशभर में व्यापक छापेमारी अभियान चला रही हैं। इस बार के आम चुनावों में 1 मार्च से 13 अप्रैल तक इलेक्शन कमीशन ने कुल 4658.13 करोड़ रुपए की जब्ती की है। इस रिकवरी में करोड़ों रुपए कैश, सोना-चांदी, शराब, ड्रग्स और अन्य कीमती सामग्री शामिल है।
75 साल के इतिहास में सबसे बड़ी जब्ती हुई
चुनाव आयोग का कहना है कि यह लोकसभा चुनाव के 75 साल के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी जब्ती है। पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में आयोग ने 3475 करोड़ रुपए की जब्ती की थी। इलेक्शन कमीशन के मुताबिक, जनवरी और फरवरी में कुल 7502 करोड़ रुपए जब्त किए गए थे। इस तरह जनवरी से 13 अप्रैल तक कुल 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक की जब्ती की गई है।
देश में रोजाना हो रही 100 करोड़ की जब्ती
आंकड़ों के मुताबिक, चुनाव आयोग के निर्देश पर चेकिंग के दौरान हर दिन करीब 100 करोड़ की जब्ती हो रही है। 1 मार्च के बाद से जब्त किए गए सामान में 2068.85 करोड़ के ड्रग्स, 1142.49 करोड़ के मुफ्त में बांटे जाने वाली वस्तुएं, 562.10 करोड़ की कीमती मेटल, 489.31 करोड़ की शराब और 395.39 करोड़ कैश शामिल है।
सबसे ज्यादा: तमिलनाडु में कैश, कर्नाटक में शराब जब्त
इलेक्शन कमीशन द्वारा जब्त की गई सामग्री में तमिलनाडु से सबसे ज्यादा 53 करोड़ कैश, तेलंगाना में 49 करोड़, महाराष्ट्र में 40 करोड़, कर्नाटक और राजस्थान में 35-35 करोड़ रुपए से अधिक जब्त हुए हैं। वहीं, कर्नाटक में सबसे ज्यादा 124.3 करोड़ की शराब जब्त की गई है। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 51.7 करोड़, राजस्थान में 40.7 करोड़, उत्तर प्रदेश में 35.3 करोड़ और बिहार में 31.5 करोड़ रुपए की शराब जब्त हुई।
गुजरात समेत 5 राज्य ड्रग्स जब्ती में सबसे आगे
उधर, ड्रग्स की जब्ती में गुजरात समेत पांच राज्य सबसे आगे हैं। आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कुल जब्ती में 45 फीसदी ड्रग्स और नशीले पदार्थ हैं। गुजरात से सबसे ज्यादा करीब 485.99 करोड़ रुपए के ड्रग्स बरामद किए गए हैं। इसके बाद तमिलनाडु में 293.02 करोड़, पंजाब में 280. 81 करोड़, महाराष्ट्र में 213.56 करोड़ और दिल्ली में 189. 94 करोड़ के ड्रग्स पकड़ी गई।
कैश और अन्य सामान को लेकर क्या हैं नियम?
- चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक, आचार संहिता लागू होने पर कैश, शराब, ज्वेलरी और अन्य मुफ्त वस्तुओं को साथ लेकर चलने को लेकर कई नियम हैं। चुनाव में इनके दुरुपयोग को रोकने के लिए ये नियम लागू होते हैं। चुनावों की घोषणा के बाद 16 मार्च से आचार संहिता लागू है, जिसमें धन, शराब, ज्वेलरी और अन्य मुफ्त सामानों का परिवहन इसके दायरे में आता है।
- अगर किसी व्यक्ति के पास 10 लाख रुपए से अधिक कैश या 1 किलो सोना हो तो उसे CISF या पुलिस के अधिकारियों को सूचित करना होता है। वे यह सुनिश्चित करते हैं कि इसे किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार का धन नहीं है।
- किसी वाहन में 10 लाख रुपए से अधिक कैश मिलने पर भी इसे जब्त किया जा सकता है, लेकिन सही दस्तावेजों के साथ और किसी पार्टी या उम्मीदवार से संबंधित नहीं होने पर नहीं। किसी उम्मीदवार की गाड़ी में 50 हजार रुपए से अधिक कैश या 10 हजार रुपए से अधिक की शराब, ड्रग्स, हथियार या गिफ्ट आइटम मिलने पर भी उसे जब्त किया जाता है।