Manipur Violence: मणिपुर में करीब 22 महीने बाद स्वतंत्र आवागमन बहाल हो गया। हालांकि, सुरक्षा बलों ने शनिवार (8 मार्च) को महिला दिवस पर जैसे ही बंद रास्ते खोले, लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें तितर-बितर किया। फिलहाल, शांति व्यवस्था बनाए रखने भारी पुलिस बल तैनात है। 

मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच गुटीय संघर्ष जारी है। दोनों ओर से आए दिन होने वाली हिंसक घटनाओं के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने आम रास्ते बंद कर दिए थे। ताकि, उपद्रवी एक-दूसरे के इलाके में न पहुंच पाएं। पिछले दिनों गृहमंत्री अमित शाह ने उच्चाधिकारियों की बैठक कर 8 मार्च से कानून व्यवस्था कायम करने और स्वतंत्र आवाजाही बाहल करने के निर्देश दिए थे। 

अलग राज्य की मांग कर रहे कुकी 
कुकी जनजातियों के विरोध-प्रदर्शन के बीच सुरक्षा बलों की निगरानी में यात्री बसें शुरू की गई हैं, लेकिन कुकी समुदाय के लोग स्वतंत्र आवागमन का विरोध कर रहे हैं। वह अलग राज्य की मांग कर रहे हैं। कहा, जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती है, उन्हें आवागमन बंद रखा जाए। 

कांगपोकपी जिले में खोले गए रास्ते 
गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश बाद से पुलिस प्रशासन की टीमें सक्रिय हो गईं थीं। शनिवार सुबह इम्फाल से 45 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में बंद रास्ते खोले गए। सबसे पहले बारूदी सुरंग रोधी वाहन आगे बढ़ाए गए। कुकी जनजातियों की कई महिलाएं, जिन्होंने राजमार्ग को अवरुद्ध करने का प्रयास किया, सुरक्षा बलों द्वारा लाठीचार्ज किए जाने पर घायल हो गईं।

कुकी बहुल इलाकों से कई जगह झड़प 
मणिपुर के कुकी बहुल इलाकों से झड़प की कई  घटनाएं सामने आई हैं। सोशल मीडिया में वीडियो वायरल हो रहे हैं। जिनमें प्रदर्शनकारी वाहनों पर पत्थर फेंकते, सड़क खोदते, टायर जलाते और बैरिकेड लगाते दिख रहे हैं। कुछ जगह सुरक्षा बलों से गाली-गलौज और उन्हें वापस जाने के लिए चिल्लाते दिख रहे हैं।