Mithun Chakraborty Bengal Rally: पश्चिम बंगाल में होने वाले उपचुनाव और 2026 विधानसभा चुनावों को लेकर पहले माहौल गर्म हो गया है। रविवार को अभिनेता और बीजेपी नेता मिथुन चक्रवर्ती के एक बयान से राज्य में हलचल मच गई। कोलकाता में आयोजित बीजेपी रैली में मिथुन चक्रवर्ती ने तृणमूल नेता हुमायूं कबीर के पुराने बयान का जिक्र करते हुए कहा कि “हम तुमको काटकर जमीन में गाड़ देंगे।” चक्रवर्ती के इस बयान के बाद बंगाल की राजनीति में भूचाल आ गया है।
अमित शाह का ममता सरकार पर आरोप
चक्रवर्ती के इस भड़काऊ बयान से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंच संभाला। शाह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि बंगाल में राज्य-प्रायोजित घुसपैठ हो रही है। उन्होंने कहा कि ममता सरकार इस पर रोक लगाने में नाकाम रही है। यह सब राज्य की सत्ता में बीजेपी के आने से ही रुकेगा। शाह ने दावा किया कि 2026 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी दो-तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।
हुमायूं कबीर के पुराने बयान का जवाब दिया
चक्रवर्ती ने तृणमूल नेता हुमायूं कबीर के उस बयान का जवाब दिया जिसमें कबीर ने 70% मुस्लिम और 30% हिंदू आबादी का जिक्र कर बीजेपी के कार्यकर्ताओं को धमकी दी थी। मिथुन ने कहा कि ममता बनर्जी को इस बयान पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी, लेकिन जब उन्होंने ऐसा नहीं किया तो अब मैं इस मुद्दे पर बोल रहा हूं हैं। अभिनेता ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं, लेकिन मैं कहता हूं कि हम काटकर गाड़ देंगे। यह बंगाल की सत्ता हमें चाहिए और यह 2026 में हमारे पास ही आएगी।”
बीजेपी कार्यकर्ताओं को दिया समर्थन का संदेश
मिथुन ने इस रैली में बीजेपी के समर्थकों से जुड़े रहने की अपील करते हुए कहा कि पार्टी को ऐसे कार्यकर्ता चाहिए जो पूरी निष्ठा से लड़ें। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी को किसी ऐसे समर्थक की जरूरत नहीं जो सिर्फ पैसे के लिए जुड़ते हैं। उन्होंने कहा, "जो खड़ा रह सके, कह सके कि गोली मारो, देखूं कितनी गोली है तुम्हारे पास, वही हमारे साथ चले।
तृणमूल ने बीजेपी पर किया पलटवार
मिथुन के इस बयान पर तृणमूल कांग्रेस ने भी बीजेपी पर निशाना साधा। पार्टी के महासचिव जय प्रकाश मजूमदार ने कहा कि इस बयान को इतना ज्यादा तवज्जो नहीं दिया। मजूमदार ने पूछा कि क्या अब मिथुन को भी चुनाव आयोग से फटकार मिलेगी? तृणमूल ने अमित शाह के बयान पर भी तंज कसा और कहा कि बंगाल में बहुमत हासिल करने का बीजेपी का यह दावा पहले भी असफल साबित हुआ है।