Sriharikota Third Satellite Launch Pad: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पर तीसरे लॉन्च पैड (थर्ड लॉन्च पैड) स्थापित करने की मंजूरी दे दी। गुरुवार (16 जनवरी) को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में कुल लागत 3,985 करोड़ रुपए आएगी।
यह परियोजना भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्च व्हीकल (NGLV) को सपोर्ट देने के साथ-साथ भविष्य के मानव अंतरिक्ष यान और अन्वेषण अभियानों (Exploration expeditions) के लिए भारत की क्षमताओं को और सुदृढ़ करेगी।
तीसरा लॉन्च पैड क्या करेगा काम?
तीसरा लॉन्च पैड अत्याधुनिक और बहुपयोगी प्रणाली से लैस होगा, जो NGLV, LVM3, और अन्य भारी वाहनों के लिए सक्षम होगा। इसका उद्देश्य मौजूदा दूसरे लॉन्च पैड (SLP) का बैकअप तैयार करना और लॉन्च की आवृत्ति को बढ़ाना है। इस परियोजना में प्राइवेट इंडस्ट्रीज की अधिक भागीदारी होगी, और यह श्रीहरिकोटा के मौजूदा बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर का पूरा उपयोग करेगी।
🔹 #Cabinet approves the establishment of “Third Launch Pad” (TLP) at Satish Dhawan Space Centre of @isro at Sriharikota, Andhra Pradesh
— PIB India (@PIB_India) January 16, 2025
🔹 The Third Launch Pad project envisages the establishment of the launch infrastructure at Sriharikota, Andhra Pradesh for the Next… pic.twitter.com/UPEYzgsdP6
अगले 48 महीनों में बनकर तैयार होगा लॉन्च पैड
इस परियोजना का कुल बजट ₹3,984.86 करोड़ है, जिसमें लॉन्च पैड और सहायक इंफ्रास्टक्चर का निर्माण शामिल है। इसे राष्ट्रीय महत्व की परियोजना के रूप में देखा जा रहा है। अगले 48 महीनों में इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा, जो भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की बढ़ती मांगों को अगले 25–30 वर्षों तक पूरा करेगा।
भारत वर्तमान में श्रीहरिकोटा में दो लॉन्च पैड का उपयोग करता है:
- पहला लॉन्च पैड (FLP): 30 साल पहले बनाया गया था। PSLV और SSLV के प्रमुख अभियानों के लिए उपयोगी।
- दूसरा लॉन्च पैड (SLP): लगभग दो दशक से सक्रिय, GSLV, LVM3, और चंद्रयान-3 जैसी परियोजनाओं के लिए उपयोग किया जा रहा है। दूसरा लॉन्च पैड भारत के मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम गगनयान के लिए भी तैयार किया जा रहा है।