PM Modi On Balakot Air Strikes: लोकसभा चुनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार, 28 अप्रैल को बालाकोट एयरस्ट्राइक की अब तक अनसुनी कहानी सुनाई। पीएम ने दावा किया कि उन्होंने 2019 बालाकोट एयर स्ट्राइक के बारे में दुनिया को बताने से पहले पाकिस्तान को बता दिया था।
पीएम मोदी ने यह दावा कर्नाटक के बागलकोट में एक चुनावी रैली में किया। उन्होंने कहा कि मोदी पीछे से हमला करने में विश्वास नहीं रखता और खुलकर आमने-सामने लड़ता है। मैंने बालाकोट हमलों के बारें में जानकारी किसी से भी नहीं छिपाई और हमलों के बाद दुश्मनों को हुए नुकसान के बारे में देश को भी जानकारी दी।
पहले पाकिस्तान को बताया, फिर दुनिया को पता चला
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने सेनाओं से मीडिया को फोन करके जानकारी देने को कहा था। लेकिन मीडिया से भी पहले पाकिस्तान को जानकारी देने को कहा था। मैंने फोन के जरिए रात में हवाई हमले और उससे हुई तबाही की जानकारी देना चाही। लेकिन पाकिस्तान के लोग फोन पर नहीं आए। मैंने सुरक्षा बलों को इंतजार करने के लिए कहा। जब पाकिस्तान को जानकारी दे दी तब हमने बाद में रात के दौरान हुए हवाई हमलों के बारे में दुनिया को बताया।
पीएम मोदी ने कहा कि मोदी न तो बातें छिपाते हैं और न ही छुपकर हमला करते हैं, बल्कि खुलकर काम करते हैं। उन्होंने देश में निर्दोष लोगों को मारने की कोशिश करने वालों को भी चेतावनी दी और कहा कि यह नया भारत है। घर में घुस कर मारेगा।
शुरुआत में लोगों ने बागलकोट समझा
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जब भारत ने पाकिस्तान में हवाई हमले किए तो कई लोगों ने शुरू में सोचा कि यह कर्नाटक के समान दिखने वाले जिले बागलकोट में किया गया था। फिर हमने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इसके बारे में और हमलों के बाद दुश्मनों को हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी।
पुलवामा में शहीद हुए थे 40 जवान
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था। जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। इस आतंकी हमले का जवाब भारत 26 फरवरी, 2019 को बालाकोट में एयरस्ट्राइक से दिया था। भारत के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ट्रेनिंग कैंपों पर हमला किया था। बमबारी करके कैंपों को तबाह कर दिया गया था। कई आतंकी मारे गए थे।
बालाकोट हमले के बाद भारत ने क्या कहा?
बालाकोट हमलों के बाद भारत ने कहा था कि रात भर के ऑपरेशन में बहुत बड़ी संख्या में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी, ट्रेनर, सीनियर कमांडर और जिहादियों के समूह मारे गए। विदेश मंत्रालय ने अधिकारिक बयान में कहा गया कि लोगों को फिदायीन हमले के लिए ट्रेनिंग दी जा रही थी। बालाकोट में कैंप का नेतृत्व जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर का बहनोई मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी कर रहा था।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद देश के विभिन्न हिस्सों में एक और आत्मघाती आतंकी हमले की कोशिश कर रहा था, और फिदायीन जिहादियों को इस उद्देश्य के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा था। खतरे को देखते हुए हमला बिल्कुल जरूरी हो गया था। यह हमला किसी रिहाइशी इलाके से दूर एक पहाड़ी चोटी पर किया गया था।