Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण का प्रचार बुधवार (17 अप्रैल) को थम गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पूर्वोत्तरी राज्य त्रिपुरा में जनसभा को संबोधित किया। अगरतला की रैली में मुख्यमंत्री माणिक साह भी उनके साथ मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने मंच से रामनवमी के अवसर पर रामलला और अयोध्या मंदिर का जिक्र किया। उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और कहा कि पहले की सरकारों ने पूर्वोत्तर के साथ इंसाफ नहीं किया। मेरे लिए नॉर्थ ईस्ट राजनीति नहीं, प्रेम और प्राथमिकता का विषय है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज रामनवमी का बहुत ही पवित्र और सौभाग्यशाली दिन है। ये पहली रामनवमी है, जब 500 साल के लंबे इंतजार के बाद आज रामलला अयोध्या स्थित राममंदिर में विराजमान हुए हैं।
#WATCH | Addressing a public rally in Agartala, Tripura, Prime Minister Narendra Modi says, "Today is the auspicious occasion of Ram Navami. After 500 years and a long wait, it is that Ram Navami when Lord Ram is 'Virajman' in Ayodhya's temple. pic.twitter.com/FkNXKNDn0l
— ANI (@ANI) April 17, 2024
'कांग्रेस शासन में पूर्वोत्तर के साथ न्याय नहीं हुआ'
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को 'विकसित' बनाने में उत्तर पूर्व की अहम भूमिका है। आजादी सालों बाद और कांग्रेस के शासन के दौरान पूर्वोत्तर के राज्यों की क्षमताओं के साथ न्याय नहीं हुआ। त्रिपुरा में कम्युनिस्टों का शासन था और उन्होंने सिर्फ त्रिपुरा के लोगों को बर्बाद किया। लेकिन आज दिल्ली में ऐसी सरकार है, जो लगातार नॉर्थ ईस्ट और यहां के लोगों के बारे में सोचती है। मेरे लिए यह राजनीति का नहीं, प्रेम और प्राथमिकता का विषय है।
#WATCH | Tripura: Prime Minister Narendra Modi says, "Today your mobile bill under the Modi government is Rs 400-Rs 500, but if there had been a Congress government in Delhi, your mobile bill would not have been less than Rs 4000 or Rs 5000...Earlier, political parties only… pic.twitter.com/7mG2w51Mrc
— ANI (@ANI) April 17, 2024
पहले सरकार की नीति थी- लूट ईस्ट पॉलिसी
अगरतला की रैली में पीएम मोदी ने कहा कि आज मोदी सरकार में आपका मोबाइल बिल 400-500 रुपए आता है, लेकिन अगर दिल्ली में कांग्रेस की सरकार होती तो यही मोबाइल बिल 4000 या 5000 रुपए से कम नहीं होता। पहले राजनीतिक दलों को उत्तर पूर्व की याद केवल तब आती थी, जब उन्हें आपके वोटों की जरूरत होती थी। कांग्रेस सरकार के दौरान पूर्वोत्तर के लिए केवल एक ही नीति थी- लूट ईस्ट पॉलिसी...। त्रिपुरा में कांग्रेस ने कम्युनिस्ट सरकार के साथ 'लूट की दुकान' खोल रखी थी। ऐसी एक दुकान केरल में भी चल रही है। कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन का सिंगल ऐजेंडा है भष्टाचार बचाओ।