नई दिल्ली: सनातनियों के लिए देश में दो बड़े घटनाक्रम ऐतिहासिक होने वाले हैं। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का भव्य उद्घाटन होगा तो वहीं फरवरी 2024 में मुस्लिम देश अबूधाबी (संयुक्त अरब अमीरात) में बीपीएस हिंदू मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा। दोनों ही मंदिरों का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होगा।
अबूधाबी में बनकर तैयार हो चुके मंदिर के उद्घाटन के लिए पीएम मोदी को न्योता आया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। निमंत्रण देने स्वामी ईश्वरचरणदास और स्वामी ब्रह्मविहरिदास खुद दिल्ली आए थे। मंदिर का उद्घाटन 14 फरवरी 2024 को होगा। मंदिर की ऊंचाई 108 फीट है। इसे बनाने में 700 करोड़ रुपए खर्च हुए। यह पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा मंदिर है।
फिलहाल, इस मसले पर राजनीति शुरू हो गई। कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने मंदिर के बहाने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
PM Modi accepts invitation to inaugurate the BAPS Hindu Mandir in Abu Dhabi, Delhi, India https://t.co/4OjdYUOm4u pic.twitter.com/ZluAL4xWDK
— BAPS (@BAPS) December 28, 2023
मंदिरों का उद्घाटन होते ही चुनाव की होगी घोषणा
शशि थरूर ने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर का उद्घाटन और फिर अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर का आयोजन 2024 के चुनाव के लिए मंच तैयार करेगा। थरूर ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि इसके तुरंत बाद चुनाव की तारीखें घोषित की जाएंगी। थरूर ने सवाल किया कि क्या 2024 के लिए संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि नरेंद्र मोदी एक हिंदू हृदय सम्राट हैं? अच्छे दिनों का क्या हुआ?
शशि थरूर ने कहा कि 2019 में नोटबंदी के बाद बीजेपी की तरफ से लोगों का मोहभंग हो रहा था तो पुलवामा आतंकवादी हमले को नरेंद्र मोदी ने नेशनल सिक्योरिटी का इसे मुद्दा बनाकर भुनाया। 2024 में भी भाजपा अब अपने मूल में वापस आ जाएगी। 2024 का चुनाव हिंदुत्व के केंद्र में जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि अच्छे दिनों का क्या हुआ? प्रति वर्ष 2 करोड़ नौकरियों का क्या हुआ? 15-15 लाख खाते में डालने के वादे का क्या हुआ?
राम मंदिर जाएं या नहीं, विपक्ष में उहापोह की स्थिति
श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर के उद्घाटन के लिए देश की कई मशहूर हस्तियों को निमंत्रण दिया है। सभी राष्ट्रीय पार्टियों को बुलाया गया है। हालांकि कांग्रेस ने अभी तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। जबकि INDIA गुट के कई नेता इस कार्यक्रम में जाने के इच्छुक हैं। कांग्रेस के सहयोगी झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अगर उन्हें आमंत्रित किया गया तो वह राम मंदिर कार्यक्रम में शामिल होंगे।